मुंबई । उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray Faction) ने सोमवार को चुनाव आयोग के फैसले (Decision of the Election Commission) को सुप्रीम कोर्ट में (In the Supreme Court) चुनौती दी (Challenged) । ठाकरे गुट ने विधायकों की अयोग्यता के लंबित मामले का फैसला शीर्ष अदालत द्वारा किए जाने तक इसके कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग की है। इस मामले की मंगलवार को सुनवाई होने की संभावना है।
असली शिवसेना घोषित किए जाने और ‘धनुष-बाण’ का चुनाव चिन्ह दिए जाने के चार दिन बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के नेता महाराष्ट्र विधानमंडल में पार्टी कार्यालय पहुंचे। मुख्य सचेतक भरत गोगावाले के नेतृत्व में विधायक अगले सप्ताह यहां शुरू हो रहे आगामी बजट सत्र से पहले एक विशेष बैठक के लिए शिवसेना कार्यालय परिसर में पहुंचे।
शिंदे समूह के विधायकों ने स्पीकर राहुल नार्वेकर से मुलाकात की और इस मामले में संचार का आदान-प्रदान किया था, और कार्यालय के आवंटन की मांग की थी। पार्टी की नजर नागपुर विधान भवन में पार्टी कार्यालय, मुंबई में पार्टी मुख्यालय शिवालय, बाकी हिस्सों में 200 से अधिक ‘शाखाएं’, विभिन्न निकायों में शिवसेना कार्यालय और पिछले 56 वर्षों में पार्टी द्वारा स्थापित अन्य संपत्तियों पर भी है।
हालांकि, वर्तमान संकेतों के अनुसार, शिंदे समूह दादर में प्रतिष्ठित शिवसेना भवन की लालसा नहीं कर सकता, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नियंत्रण में है। कई विधायकों ने शुक्रवार 17 फरवरी के अपने फैसले के लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की सराहना की, जिसने ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के दावों के खिलाफ ‘असली’ शिवसेना के रूप में मान्यता दी।
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