मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल (Maharashtra Legislature) के सोमवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय मानसून सत्र (two day monsoon session) की पूर्व संध्या पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस (Leader of Opposition in the Assembly Devendra Fadnavis) ने उद्धव ठाकरे सरकार (uddhav thackeray government) पर लोकतंत्र का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कटाक्ष किया कि इस दो दिवसीय सत्र में विपक्ष को बोलने का कोई अधिकार नहीं है इसलिए जनहित के मुद्दों पर जनता के बीच अपनी आवाज बुलंद करेगा।
फडणवीस ने पत्रकारों से कहा कि उद्धव सरकार के कार्यकाल में विधानमंडल के अब तक सात अधिवेशन हुए हैं। इनमें सिर्फ 36 दिन कामकाज हुआ है। सोमवार से शुरू हो रहा अधिवेशन उद्धव सरकार का आंठवा अधिवेशन है। इस तरह दो दिन बाद उद्धव ठाकरे के 8 अधिवेशन में सिर्फ 38 दिन का ही कामकाज होने वाला है। उद्धव सरकार ने राज्य विधानमंडल के सबसे कम दिन कामकाज करने का रिकॉर्ड स्थापित कर लिया है। कोरोना कालखंड में सिर्फ 14 दिन का कामकाज उद्धव सरकार ने किया है। जबकि संसद में कोरोना कालखंड में 69 दिन का कामकाज हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने इस अधिवेशन में लिखित प्रश्र, तारांकित प्रश्र, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर लिखित उत्तर देना भी स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़े मुद्दों को विपक्ष कहां उठाए, यह बड़ा सवाल है। फडणवीस ने कहा कि वह इस अधिवेशन के दौरान जितना संभव हो सकेगा उतना जनहित के मुद्दों को उठाने का प्रयास करेंगे। इसके बाद जनता के बीच जाकर जनहित के मुद्दे उठाएंगे।
उद्धव सरकार द्वारा पिछले 16 महीनों में प्रचार-प्रसार पर 155 करोड़ रुपये खर्च करने से जुड़े सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य में कोरोना कालखंड में सभी तरह के विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। इस संकटकाल में भी राज्य सरकार अपने प्रचार-प्रसार पर खर्च करने से बाज नहीं आ रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। महाविकास आघाड़ी सरकार में तीन दल शामिल हैं, किस पार्टी के नेता के प्रचार पर यह खर्च हुआ है, इसे जानने के लिए वे इस मुद्दे को भी सदन में उठाएंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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