मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पांच से ज्यादा सीट नहीं जीतने का दावा किया है। समर्थन जुटाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बैठक करने की रणनीति पर भी राणे ने ठाकरे पर कटाक्ष किया।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा- बालासाहेब कभी भी समर्थन जुटाने के लिए किसी भी राजनीतिक पार्टियों के नेता के घर में कभी नहीं जाते थे। देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए पीएम मोदी की कोशिश पर राणे ने कहा कि केंद्रीय सरकार ने आदिवासियों के लिए अबतक बहुत कुछ किया है। उन्होंने अनुसूचित जनजाती समुदाय के उद्यमियों की भी बहुत मदद की है। केंद्रीय मंत्री राणे यहां पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के नौ साल पूरे होने पर संवादाताओं को संबोधित करने आए थे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भाजपा से नाता तोड़ने के बाद राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार का गठन किया था। पिछले साल जून में शिंदे ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया, जिससे पार्टी विभाजित हो गई थी और उद्धव सरकार गिर गई। 30 जून 2022 को भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राणे ने कहा,’महाराष्ट्र में भाजपा और शिंदे सरकार काफी मजबूत स्थिति में है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पास मौजूदा समय में केवल 13-14 ही विधायक है। विधानसभा चुनाव 2024 में उनके विधायकों की संख्या पांच से भी कम रह जाएगी।’
शिवसेना और कांग्रेस में नेता रह चुके नारायण राणे ने कहा,’उद्धव ठाकरे की तरह बालासाहेब ठाकरे अपने कार्यकाल में किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता के आवास या दफ्तर समर्थन मांगने नहीं गए थे। वर्तमान समय में शिवसेना अपनी महत्व खो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 से भी ज्यादा सीटें जीतकर एक बार फिर केंद्र में सत्ता में आएगी।’
यूसीसी मुद्दा 2024 में भाजपा के चुनाव प्रचार का हिस्सा होगी या नहीं सवाल पर राणे ने कहा कि यह पार्टी का निर्णय होगा। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने इसका विरोध किया है और इसपर अपनी चिंता व्यक्त की है। हालांकि, सरकार उनका समर्थन जुटाने की पूरी कोशिश कर रही है। राणे ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी यूसीसी की वकालत कर चुकी है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वाले इसका विरोध कर रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved