नई दिल्ली। यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर देश में इस वक्त काफी गहमागहमी बनी हुई है। तमाम राजनीतिक दलों के बयान भी लगातार सामने आ रहे हैं। इसी बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पुष्कर धामी की पीएम मोदी से यह मुलाकात करीब दो घंटे चली। जिसके बाद धामी ने कहा कि हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने में देरी नहीं करेंगे, लेकिन जल्दबाजी में भी नहीं है।
उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता को लेकर तैयारी कर ली है। सीएम धामी दिल्ली में हैं और वो इसको लेकर केंद्रीय नेतृत्व से मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने आज प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ उत्तराखंड में यूसीसी की ड्राफ्ट कमेटी की चेयरपर्सन जस्टिस रंजना देसाई भी थीं। पीएम मोदी से मुलाकात करने से पहले धामी ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें यूनिफॉर्म सिविल कोड की ड्राफ्टिंग कमेटी से ड्राफ्ट पूरी तरह से नहीं मिला है, लेकिन हम इसमें किसी भी तरह की देरी नहीं करेंगे, लेकिन कोई हड़बड़ी भी नहीं करेंगे।
UCC को लेकर 2.35 लाख लोगों की ली जा चुकी राय
धामी ने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी की ड्राफ्ट कमेटी की चेयरपर्सन जस्टिस रंजना देसाई ने इस संबंध में 2.35 लाख लोगों के विचार लिए हैं। कई धार्मिक संगठनों से भी बात की गई है। उन्होंने कहा कि यह पूरा विवरण जुटाने के बाद ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। धामी ने कहा कि देश का पहला ऐसा राज्य उत्तराखंड है, जहां पर इस तरह की प्रक्रिया हो रही है। इसको लेकर कई पहलुओं को ध्यान में रखा गया है।
इससे पहले 30 जून को ड्राफ्टिंग कमेटी की चेयरपर्सन रंजना देसाई ने जानकारी देते हुए बताया था कि रिपोर्ट पूरी तरह तैयार है। अब इसकी प्रिंटिंग चल रही है। उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी ने बताया था कि UCC पर बनी कमेटी ने अपना ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसे जल्द ही देवभूमि में लागू किया जाएगा।
बीते दो साल में कमेटी की 63 मीटिंग
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बीते दो साल से कमेटी की 63 मीटिंग हुईं। जबकि आम लोगों तक पहुंचकर बातचीत कर आंकड़े जुटाने के लिए बनाई गई उप समिति ने 143 से ज्यादा मीटिंग की हैं। 4 जुलाई 2022 को पहली बैठक हुई थी। सब कमेटी ने राज्य के सुगम और दुर्गम सभी हिस्सों में लोगों से संपर्क कर अपनी रिपोर्ट दी।
जस्टिस देसाई ने कहा कि यूसीसी पर कमेटी का ड्राफ्ट तैयार है। उन्होंने कहा कि हमने सभी वर्गों यहां तक की LGBTQ के अलावा आदिवासी, महिलाएं, दिव्यांग सबकी चर्चा की है। रिपोर्ट में विशेषज्ञ डॉक्टर्स, जेनेटिक एक्सपर्ट्स, परंपराओं और रीतियों मसलन विवाह की उम्र, कम उम्र में संतान उत्पत्ति जैसे कई संवेदनशील मुद्दों को भी शामिल किया गया है।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का अर्थ है, देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। यानी हर धर्म, जाति, लिंग के लिए एक जैसा कानून होना।
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