यूएई। यूएई ने पाकिस्तान को एक बड़ा झटका दिया है। यूएई ने पाकिस्तान समेत 13 मुस्लिम देशों के लिए वर्क या एंप्लायमेंट वीजा रद्द कर दिया है। इससे पहले कहा जा रहा था कि केवल पर्यटक या विजिट वीजा ही रद्द किए जाएंगे। पाकिस्तान की सरकार ने शुरुआत में यूएई के इस कदम को कोविड-19 पर रोकथाम के तौर पर पेश करने की कोशिश की थी लेकिन अब कई रिपोर्ट्स में सुरक्षा कारणों का हवाला दिया जा रहा है।
कई विश्लेषक इस बैन को पाकिस्तान के अरब देशों के साथ रिश्तों में आई दरार से भी जोड़कर देख रहे हैं। कश्मीर मुद्दे पर यूएई के भारत के साथ खड़े होने की वजह से कई बार पाकिस्तान नाराजगी जाहिर कर चुका है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब को भी धमकी दे डाली थी कि अगर वह कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक सहयोग संगठन की विदेश मंत्री स्तर की बैठक नहीं बुलाएगा तो पाकिस्तान कश्मीर पर समर्थन कर रहे मुस्लिम देशों के अलग गुट के साथ चला जाएगा। इसके बाद, पाकिस्तान और सऊदी के रिश्तों में भी खटास आ गई। पाकिस्तान को सऊदी अरब से लिया गया कर्ज भी लौटाना पड़ा। यूएई का ये नया कदम भी पाकिस्तान के साथ खराब होते रिश्तों के संकेत के तौर पर ही देखा जा रहा है।
पाकिस्तान में यूएई के इस कदम से हलचल तेज हो गई है। यूएई में पाकिस्तानी कामगारों की तादाद बहुत ज्यादा है। हर साल पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए यूएई का रुख करते हैं। पाकिस्तान को यूएई से काफी रेमिटेंस (प्रवासियों की ओर से घर भेजा गया पैसा) भी मिलता है। पाकिस्तान में कई रिक्रूटमेंट एजेंसियों ने आशंका जाहिर की है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।
18 नवंबर को वीजा बैन के लागू होने से पहले ही रावलपिंडी की एक रिक्रूटमेंट एजेंसी ने 3000 नौकरियां गंवा दीं। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि ये नौकरियां पाकिस्तानियों के हाथों से फिसलकर भारतीयों के पास चली जाएंगी। यूएई प्रशासन से इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तान के लिए वर्क और एंप्लायमेंट वीजा पर फिलहाल रोक रहेगी। हालांकि, इस फैसले का असर पुराने वीजा या जारी किए जा चुके वीजा पर नहीं पड़ेगा। दुबई एयरपोर्ट फ्री जोन की ओर से जारी किए गए पत्र में नए वर्क वीजा और विजिट वीजा पर रोक लगाए जाने की बात कही गई है। पाकिस्तान के अलावा, ये बैन सीरिया, तुर्की, ईरान, यमन पर भी लागू होगा।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा था कि बैन सिर्फ विजिट वीजा तक सीमित है और संभवत: कोरोना की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए लिया गया है। हालांकि, अल-जजीरा में छपी एक रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से दावा किया गया है कि यूएई ने ये फैसला सुरक्षा कारणों से लिया है। पाकिस्तान के सूत्रों का कहना है कि वीजा रद्द किए जाने के फैसले को लेकर पाकिस्तान को आधिकारिक रूप से सूचना नहीं दी गई थी। पाकिस्तान के अधिकारी इस कदम के पीछे की स्पष्ट वजह जानने के लिए यूएई प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।
पाकिस्तान में एक रिक्रूटमेंट एजेंसी चलाने वाले सांसद अनवर बेग ने कहा, अगर इस बैन के पीछे कोरोना वजह होती तो भारत को भी इस सूची में शामिल किया जाता क्योंकि वहां दुनिया में सबसे ज्यादा केस आ रहे हैं। बेग ने कहा कि वर्क या एंप्लायमेंट वीजा का रद्द होना चिंताजनक है और ये बैन पाकिस्तान को टारगेट करते हुए लगाया गया है।
बेग ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून से बताया कि साल 2015 में पाकिस्तान से 3,26,000 लोग यूएई गए, 2016 में 2,90,000, साल 2017 में 275,000, साल 2018 में 208,000, साल 2019 में 2,11000 और साल 2020 में कोविड के बावजूद अक्टूबर तक 50,000 पाकिस्तानी रोजगार के लिए यूएई जा चुके हैं। बेग के मुताबिक, ये पाकिस्तानी कामगार सालाना देश में 4 अरब डॉलर के करीब रेमिटेंस भेजते हैं।
उन्होंने डर जाहिर किया कि अगर पाकिस्तान ने शीर्ष स्तर पर यूएई के सामने ये मुद्दा नहीं उठाया तो यूएई के बाजार में पाकिस्तानियों की जगह भारतीय ले लेंगे। एक रिक्रूटमेंट एजेंसी ने भी एक्सप्रेस ट्रिब्यून से बताया कि उनकी कंपनी इस साल क्रिसमस को देखते हुए हॉस्पिटिलटी सेक्टर में 3000 पाकिस्तानी वर्करों को भेजने की तैयारी कर रही थी। हालांकि, यूएई के एंप्लायमेंट वीजा पर बैन लगाने की वजह से उनके क्लाइंट अब 3000 नौकरियों को भरने के लिए भारत का रुख कर रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार सैय्यद जुल्फी बुखारी ने भी पुष्टि की कि पिछले 3 दिन से यूएई ने पाकिस्तान के लिए वर्क वीजा रद्द किए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि ये जानकारी नहीं है कि ये बैन अब भी जारी है या नहीं। पाकिस्तानी इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से यूएई के साथ बातचीत कर इस मुद्दे का समाधान निकालने की अपील कर रहे हैं।
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