नई दिल्ली । कश्मीर (Kashmir) से धारा 370 हटने के बाद अब मोदी सरकार राज्य में निवेश बढाने के लिए बड़े कदम उठाना शुरू कर रही है. राज्य के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) के न्योते पर खाड़ी देशों के बिजनेसमैन का एक हाई प्रोफाइल प्रतिनिधिमंडल कश्मीर दौरे पर पहुंचा. जिसमें 30 से ज्यादा कंपनियों के सीईओ (CEO) शामिल हैं, ये सीईओ 4 दिनों के दौरे पर केंद्र शासित प्रदेश में व्यापार (business) के अवसर तलाशने के लिए पहुंचे हैं.
दरअसल जनवरी के पहला हफ्ते में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने UAE का दौरा किया था और वहां केन्द्र शासित राज्य में निवेश के लिए कई अहम समझौते किए थे. मनोज सिन्हा के इस दौरे के 2 महीने के बाद खाड़ी देशों के बिजनेसमैन कश्मीर पहुंचे. इस दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, उद्योग और वाणिज्य के प्रमुख सचिव समेत अन्य अधिकारी उद्यमिता, पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर ज़ोर देंगे. सेंचुरी फाइनेंशियल के सीईओ बालकृष्ण इस डेलिगेशन की अध्यक्षता कर रहे हैं जिसमें यूएई और सऊदी अरब के सीईओ शामिल हैं.
कई क्षेत्रों में बिजनेस के मौके तलाश रहीं कंपनियां
दुबई के एक सीईओ ने कहा कि कश्मीर दौरे पर यह प्रतिनिधिमंडल कई बिजनेस कार्यक्रमों में शामिल होगा, एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम 22 मार्च को शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया है. प्रतिनिधिमंडल में शामिल दूसरे CEO अशोक कोटेचा ने कहा कि हम हॉस्पिटैलिटी, अस्पतालों में निवेश के साथ-साथ UAE के सुपर मार्केट के लिए कश्मीर के फलों के आयात पर भी ध्यान दे रहे हैं. कोटेचा ने कहा कि कश्मीर के हालात अब सामान्य हो रहे हैं और जैसे-जैसे लोगों को नौकरियां मिलेंगी, कश्मीर में आतंकवाद पर भी लगाम लगेगी.
पर्यटन के लिए मशहूर जम्मू-कश्मीर की खूबसूरती से भी विदेश से आए बिजनेसमैन को रूबरू कराया जा रहा है, जिसके चलते उन्हें गुलमर्ग और पहलगाम घुमाने ले जाया जा रहा है, जहां वह पर्यटन में निवेश की संभावना भी तलाश सकते हैं. जम्मू-कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी इंडस्ट्री और कॉमर्स रंजन ठाकुर ने कहा कि, पिछले 75 सालों में हमारी इन्वेस्टमेंट 15000 करोड़ से कम थी, आज हमें एक साल के अंदर 50 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का कमिटमेंट मिल चुका है. इसमें 30 हज़ार करोड़ के इन्वेस्टमेंट का पीएम मोदी द्वारा अगले महीने में नींव रखेंगे.
पीएम मोदी ने दी थी जानकारी
पिछले महीने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ भारत-यूएई वर्चुअल समिट में, पीएम मोदी ने कहा था, “जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल की सफल यूएई यात्रा के बाद कई अमीरात कंपनियों ने जम्मू और कश्मीर में निवेश में रुचि दिखाई है. हम जम्मू और कश्मीर में लॉजिस्टिक्स, स्वास्थ्य सेवा और हॉस्पिटैलिटी समेत सभी क्षेत्रों में यूएई द्वारा निवेश का स्वागत करते हैं, और आपकी कंपनियों को सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करेंगे.
गौरतलब बात ये है कि UAE का पाकिस्तान पर खासा प्रभाव है और अगर UAE की कंपनियां कश्मीर में निवेश करती हैं तो पाकिस्तान भी उन्हें निशाना नहीं बना सकेगा. यही नहीं दिलचस्प ये भी है कि UAE के इस प्रतिनिधिमंडल का ये कश्मीर दौरा इस्लामाबाद में 23 मार्च को होने वाले OIC कॉन्फ्रेंस के ठीक पहले हो रहा है.
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