वॉशिंगटन। कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के बीच अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के लिए शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और जो बाइडेन (Joe Biden) के बीच आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई। यह बहस नैशविल के बेलमोंट विश्वविद्यालय में आयोजित की गई। आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट में डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन में कोरोना वायरस (Coronavirus), हिटलर, कोरोना की वैक्सीन, दूषित हो रही वैश्विक हवा समेत कई मुद्दों पर बहस हुई। इस दौरान दोनों प्रतिद्वंद्वी कई मुद्दों पर भिड़ गए।
नैशविल में आयोजित इस बहस की शुरुआत कोरोना के बाद की स्थिति को लेकर शुरू हुई। इस दौरान जो बाइडेन ने कहा कि कोरोना के कारण पैदा हुई स्थिति संभालने में ट्रंप प्रशासन नाकाम रहा है। प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान आज जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप पर हमला करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की वजह से 2,20,000 अमेरिकी लोगों की मौत के बाद ट्रंप को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।
कोरोना वायरस पर हमलावर हुए बाइडेन
बाइडेन ने कोरोना वायरस (Coronavirus) समेत कई मुद्दों पर ट्रंप पर हमला बोला। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोरोना की वैक्सीन को लेकर कहा कि वैक्सीन जल्द आने वाली है और अगले कुछ हफ्तों में इसकी घोषणा कर दी जाएगी। ट्रंप ने कहा कि देश में कोरोना के मामलों के उछाल आना अब ख़त्म हो गया है। कुछ ही हफ़्तों में इसकी वैक्सीन भी हमारे पास होगी।
बहस के दौरान बाइडेन से पूछा गया कि चीन में कोरोना का पहला मामला आने के लिए वो उसे किस तरह सज़ा देंगे। इस पर बाइडेन ने कोरोना की जगह व्यापार और फाइनेंस की बात की और कहा कि मैं चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार चलूंगा। इस पर ट्रंप ने कहा कि सबसे पहले ये बता दूं कि चीन को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि न्यूयॉर्क ‘भूतिया शहर’ में बदल रहा है। ट्रंप ने कहा कि देश को बंद नहीं कर सकते नहीं तो देश के लोग आत्महत्या करना शुरू कर देंगे। कोरोना वायरस से अमेरिका में हुई मौतों पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह मेरी गलती नहीं है, यह जो बाइडेन की भी गलती नहीं है, यह चीन की गलती है जो अमेरिका में आई।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले आखिरी डिबेट में ट्रंप ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में भारत का रिकॉर्ड खराब है। प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत का भी जिक्र किया। ट्रंप ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर लड़ाई में भारत, रूस और चीन का रिकॉर्ड खराब रहा है बल्कि अमेरिका हमेशा एयर क्वालिटी का ध्यान रखता है।
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