नई दिल्ली। भारत (India) के 16 वर्षीय पहलवान (16 year old wrestler) सूरज वशिष्ठ (Suraj Vashisht) ने ग्रीको-रोमन अंडर-17 वर्ल्ड चैंपियनशिप (Greco-Roman Under-17 World Championship) का गोल्ड (Gold) जीतते हुए इतिहास (made history) रच दिया है। 55 किलोग्राम भारवर्ग में उन्होंने यह सफलता हासिल की है। इसके साथ ही वह 32 साल बाद अंडर-17 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कुश्ती का गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने हैं। भारत ने इस प्रतियोगिता में अपना आखिरी गोल्ड मेडल 1990 में जीता था जब पप्पू यादव चैंपियन बने थे।
सूरज ने यूरोपियन चैंपियन फरैम मुस्तफाएव के खिलाफ 11-0 की बड़ी जीत हासिल की। मैच की शुरुआत से ही सूरज ने आक्रमण करना शुरु कर दिया और पहले हाफ में 1-0 की बढ़त हासिल की थी। दूसरे हाफ की शुरुआत में उन्होंने 3-0 की बढ़त ले ली थी। इसके बाद सूरज ने लगातार दो ऐसे दांव लगाए कि उन्हें चार-चार प्वाइंट मिले थे। यूरोपियन पहलवान के पास वापसी का कोई मौका नहीं था।
अपने भारवर्ग में विश्व का बेहतरीन पहलवान बनना चाहता हूं- सूरज
1990 में पप्पू यादव के चैंपियन बनने के बाद भारत के पांच और पहलवान फाइनल में तो पहुंचे, लेकिन कोई भी गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर पाया। अब सूरज ने 32 सालों से चले आ रहे इस सूखे को खत्म किया है।
इतिहास रचने के बाद सूरज ने कहा, “मैं अपने भारवर्ग में विश्व का सबसे बेहतरीन पहलवान बनना चाहता हूं। जाहिर तौर पर सीनियर वर्ल्ड टाइटल भी मेरा सपना है।”
भारतीय कोच इंद्रजीत सिंह ने मैच के बाद प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि सूरज का स्टांस मैच के दौरान काफी खुला हुआ था। उन्होंने कहा, “उसका स्टांस काफी खुला हुआ था तो हमने उसे अपना हाथ बंद करने को कहा। भारतीय रेसलर्स का डिफेंस कमजोर है तो हमने उसे परेशान नहीं होने को कहा था। उसने कई बार मुश्किल परिस्थितियों में डिफेंस में काफी अच्छा काम किया था।”
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved