नई दिल्ली। देश (Country) में टाइफाइड रोग (typhoid disease) लगातार कम होता जा रहा है। यह बात मेडिकल जर्नल बीएमजे में प्रकाशित एक अध्ययन में सामने आई है। शोधार्थियों ने अलग-अलग राज्यों के डॉक्टरों द्वारा लिखे जा रहे एंटीबायोटिक प्रिस्क्रिप्शन ट्रेंड (Antibiotic Prescription Trends) से इसका पता लगाया है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि युवा वयस्क रोगियों (young adult patients) में टाइफाइड के लगभग एक तिहाई मामले मिल रहे हैं, जबकि 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में सालाना 10 लाख से अधिक मामले मिल रहे हैं। शोधार्थियों ने अध्ययन में केंद्र सरकार को सलाह दी है कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम (National Immunization Program) में स्वदेशी टीका शामिल कर इस बीमारी से मुक्ति पाई जा सकती है।
उत्तर-पश्चिम के राज्यों में अधिक सुधार
अमेरिका (America) के बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के रिसर्च फेलो डॉ. शफी कोया ने बताया कि 2013 में 90 लाख से अधिक मामले देश भर में सामने आए थे जो 2015 तक कम होकर 70 लाख तक दर्ज किए गए। खासतौर पर उत्तर और पश्चिम के राज्यों में टाइफाइड के मामलों में कमी आई है। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के पर्चे पर 10 अलग-अलग एंटीबायोटिक दवाएं मिलीं। मिश्रित और सेफलोस्पोरिन दवा सबसे अधिक डॉक्टरों द्वारा मरीजों को दी गई।
ऐसे किया अध्ययन
डॉ. कोया के मुताबिक, अध्ययन के लिए 4,600 निजी क्षेत्र के प्राथमिक चिकित्सकों का चयन कर उनकी पर्ची को शामिल किया गया। 67 करोड़ से ज्यादा प्रिस्क्रिप्शन मिले हैं जिनमें एंटीबायोटिक दवाओं की सलाह दी गई, जिसके आधार पर निष्कर्ष निकाला गया है।
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