इंदौर । यूनियन कार्बाइड का रासायनिक कचरा पीथमपुर में जलाए जाने के विरोध में (In protest against the Burning of Union Carbide’s Chemical Waste in Pithampur) इंदौर में दो युवकों ने आत्मदाह की कोशिश की (Two Youths tried to commit suicide in Indore) । दोनों युवकों को इलाज के लिए चोइथराम अस्पताल ले जाया गया है।
भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड संयंत्र में दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इस हादसे में हजारों लोग मारे गए थे। उसके बाद से संयंत्र बंद है और यहां पर सैकड़ों टन रासायनिक कचरा जमा था। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने कचरे को जलाने के लिए पीथमपुर स्थित रामकी इंडस्ट्रीज का चयन किया। बुधवार-गुरुवार की रात को रासायनिक कचरा कंटेनरों में भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच पीथमपुर लाया गया है। कचरे को पीथमपुर में जलाए जाने को लेकर धार के अलावा इंदौर सहित अन्य स्थानों पर विरोध शुरू हो गया है। इसी क्रम में शुक्रवार को बड़ी संख्या में युवा इंदौर की सड़कों पर उतरे और दो युवाओं ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। वहां मौजूद पुलिस जवानों ने आग को बुझाया और दोनों युवकों को चोइथराम अस्पताल भेजा गया।
इस घटना पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि किसी भी आदमी का जीवन बहुमूल्य होता है। 40 साल बाद गैस त्रासदी का जो कचरा है, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जलाया जा रहा है। कचरा जलाए जाने के लिए पीथमपुर की उसी कंपनी को उपयुक्त माना गया है और अभी तो कचरा जलाया भी नहीं जा रहा है । उन्होंने कहा कोई भी दल अगर सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने के लिए इसका विरोध कर रहे हैं तो वह गलत है, क्योंकि गैस त्रासदी के समय भी उनकी सरकार थी और 40 साल बाद भी अगर वह इस प्रकार का विरोध कर रहे हैं तो मैं इसकी घोर निंदा करता हूं।
राज्य सरकार की ओर से नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को भोपाल में जनप्रतिनिधियों और अन्य लोगों से बातचीत की थी। इंदौर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से इस विषय पर संवाद किया था।
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