- रात 10 बजे के नियम को भी लगा पलीता-कल भाईदूज को भी जमकर हुई पटाखेबाजी
- एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट की नसीहतों पर परम्परा भारी पड़ी
उज्जैन। कोरोना काल की पिछली दो साल की भड़ास इस दीपावली पर बम बनकर फूट पड़ी। एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन सहित नसीहतों पर पटाखे फोडऩे, अनार जलाने की परम्परा बहुत भारी पड़ी। इस वजह से शहर की हवा में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। दो साल से कोरोना काल में तमाम प्रतिबंध झेल रहे शहरवासियों ने वायु प्रदूषण या शहर की आबोहवा खराब होने की चिंता को रॉकेट की तरह हवा में उड़ा दिया। पटाखे जलाने से हवा जहरीली हो जाएगी, इस तरह की बात करने अथवा ज्ञान बांटने वालों को खरी-खोटी सुनना पड़ी।
दीपावली के दिन पटाखों की दुकानों पर उमड़ी भीड़ से ही पता पड़ गया था कि दीपावली की रात कितनी रंगीन और धमाकेदार होगी। पिछले दो साल की अपेक्षा जहां इस साल पटाखों की दो से तीन गुना ज्यादा खरीदारी हुई, वहीं दीपावली को देर रात तक सारे शहर में जमकर आतिशबाजी और जबरदस्त बमबाजी हुई। सारा शहर रात 3 बजे तक बम, रॉकेट की आवाजों से गूंजता रहा। दो सालों से मायूस पटाखा व्यापारियों के चेहरे पर इस साल चमक लौटती दिखाई दी। वहीं शहरवासियों में गजब का उत्साह नजर आया। कुल मिलाकर पिछले दो सालों में कोरोना के कारण जो शहर मुरझाया और डरा-सहमा सा नजर अथवा चिंतित नजर आता था, इस बार वह उत्साह से सराबोर नजर आया।