15 या 22 अगस्त से फिर शुरू हो सकती है वीआईपी नंबरों की नीलामी
इंदौर, विकाससिंह राठौर। प्रदेश में 1 अगस्त से लागू हुए वाहन पोर्टल सिस्टम (vehicle portal system) के कारण वीआईपी नंबरों (vip numbers) की नीलामी व्यवस्था भी बदलने वाली है। अभी गाडिय़ों के वीआईपी नंबरों की नीलामी (auction) बंद है, जो 15 या 22 अगस्त से शुरू हो सकती है। इसके बाद दो पहिया (two wheelers) चालकों को पसंद के वीआईपी नंबर (vip number) के लिए तीन गुना से ज्यादा कीमत भी चुकानी पड़ सकती है, क्योंकि अब दो पहिया के लिए अलग से नंबरों की सीरिज नहीं होगी और सभी वाहनों को एक ही सीरिज (series) से नंबर लेने पड़ेंगे। ऐसे में अगर किसी नंबर के लिए कोई कार चालक बोली लगाता है तो दो पहिया चालक को उससे ज्यादा बोली लगाने पर ही वह नंबर मिल पाएगा और कार चालक के लिए वही नंबर तीन से पांच गुना ज्यादा कीमत पर होने के कारण दो पहिया चालक को उससे ऊंची बोली लगानी पड़ेगी। ऐसे में दो पहिया चालकों को अब वीआईपी नंबर (vip number) लेना महंगा पड़ सकता है।
प्रदेश में वाहन पोर्टल (vehicle portal) लागू होने के बाद हर जिले में हर वाहन के लिए नंबरों की एक ही सीरिज की व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब इंदौर में हर वाहन का रजिस्ट्रेशन (registration) एमपी-09-जेडबी सीरिज के अंतर्गत हो रहा है, चाहे वह कार हो, दो पहिया हो या अन्य कैटेगरी का वाहन हो। नई व्यवस्था के साथ ही वीआईपी नंबरों की नीलामी (auction) की व्यवस्था को भी बदला जा रहा है। अब तक जहां वीआईपी नंबरों की नीलामी राज्य सरकार के पोर्टल से होती थी, वहीं अब वीआईपी नंबर भी वाहन पोर्टल से ही नीलाम होंगे। विभाग इसके लिए तैयारी कर रहा है। इसके चलते अभी नीलामी व्यवस्था बंद है और उम्मीद है कि 15 से 22 अगस्त से इसे दोबारा शुरू कर दिया जाएगा। एक ही सीरिज से हर वाहन के लिए वीआईपी नंबरों की नीलामी शुरू होने से कार चालकों को फायदा होगा, क्योंकि सीरिज जल्दी खत्म होगी और जल्दी नए नंबर नीलामी में आएंगे। दूसरी ओर दो पहिया चालकों के लिए वीआईपी नंबर लेने के लिए कड़ा मुकाबला होगा, क्योंकि अगर वीआईपी नंबरों के लिए अब तक लागू व्यवस्था में दो पहिया मालिकों को उसी नंबर के लिए कम कीमत देना पड़ती थी, जबकि कार मालिकों को ज्यादा। अब दोनों जब उस नंबर के लिए साथ में बोली लगाएंगे तो नंबर खरीदने के लिए दो पहिया मालिक को कार मालिक से कॉम्पीटिशन करना पड़ेगी, जिसके लिए उसे तीन से पांच गुना तक कीमत चुकाना पड़ेगी।
0001 नंबर दो पहिया के लिए 20 हजार और कार के लिए 1 लाख
परिवहन विभाग द्वारा जुलाई 2014 में प्रदेश में वीआईपी नंबरों (vip numbers) की ऑनलाइन नीलामी की व्यवस्था को शुरू किया गया था। इसमें 0001 से लेकर 9999 नंबरों तक की हर सीरिज में 495 नंबरों की वीआईपी घोषित किया गया था, वहीं हर नंबर के लिए दो और तीन पहिया के लिए अलग कीमत तय की गई थी, वहीं कार सहित अन्य वाहनों के लिए अलग कीमत। एजेंट हर्ष जोशी ने बताया कि 0001 नंबर की न्यूनतम कीमत जहां दो पहिया मालिक के लिए 20 हजार रुपए रखी गई थी, वहीं कार के लिए 1 लाख रुपए। आखिरी में डबल जीरो नंबर के लिए दो पहिया को जहां पांच हजार चुकाने होते हैं, वहीं कार को 15 हजार। यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी, लेकिन अगर 0001 नंबर के लिए किसी दो पहिया मालिक ने 20 हजार की बोली लगाई और किसी कार मालिक ने 1 लाख की तो उस नंबर को खरीदने के लिए बाइक मालिक को एक लाख से ज्यादा की बोली लगानी पड़ेगी, क्योंकि सिस्टम उसी को नंबर देगा, जो ज्यादा बोली लगाएगा।
12 दिन में पसंद के नंबर से मिले 22 लाख रुपए
प्रदेश में नए सिस्टम की व्यवस्था देख रहे परिवहन निरीक्षक राजेंद्र पाटीदार ने बताया कि प्रदेश में वाहन पोर्टल लागू होने के बाद 12 दिनों में कुल 14 हजार वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। इनमें से कई वाहनों ने वीआईपी नंबरों के अलावा शोरूम से ही पसंद के नंबर भी लिए हैं। इन नंबरों की बिक्री से अब तक विभाग को 22 लाख की आय हुई है, जबकि पहले माह में 1 लाख से ज्यादा वाहन बिकते थे और विभाग को 70 लाख के करीब पसंद के नंबरों से आय होती थी। नई व्यवस्था में पसंद का नंबर लेना आसान होने के कारण ज्यादा लोग इन्हें खरीद रहे हैं और आय पांच गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है। अभी दो पहिया की सीरिज में 10 से ज्यादा 0001 नंबर बिके ही नहीं है। आगे से ऐसी स्थिति बनना बंद हो जाएगी।
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