इस तरह आपदा बनी अवसर…
नई दिल्ली। कोरोना (Corona) के कहर से जूझ रही देश की जनता को प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने मंत्र दिया था कि हमें आपदा को अवसर में बदलना चाहिए। देश की जनता ने इसे अवसर में बदला या नहीं, लेकिन तिहाड़ जेल (Tihar jail) के कैदी इसका लाभ उठाते हुए जमानत मिलते ही जेल से फरार हो गए।
कोरोना काल (Corona era) के चलते तिहाड़ जेल (Tihar jail) में कैदियों (prisoners) को महामारी से बचाने के लिए यहां बंद 18 हजार में से करीब 7 हजार कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था। इनमें से 2 हजार कैदी वापस जेल नहीं लौटे और फरार हो गए। इनमें से 112 कैदी ऐसे हैं जो सजायाफ्ता थे, जबकि साढ़े पांच हजार से अधिक विचाराधीन कैदी थे। इन सभी कैदियों को जेल प्रशासन ने भगोड़ा घोषित करते हुए इसकी जानकारी हेड क्वार्टर को भेज दी है। अब इन सभी कैदियों की तलाश की जाएगी।
बताया जाता है कि सजायाफ्ता 1184 कैदियों में से अभी तक 112 कैदी ऐसे हैं। जो जेल में वापस लौटकर नहीं आए। इनके अलावा साढ़े पांच हजार से अधिक विचाराधीन कैदियों में से अभी तक तकरीबन 3 हजार कैदियों को जेल में सरेंडर कर देना चाहिए था। इन्हीं विचाराधीन कैदियों में से अधिकतर ने जेल में सरेंडर नहीं किया है। बताया गया है कि इन कैदियों में से दो हजार से अधिक कैदी ऐसे हैं। जो जेल में वापस नहीं आए। सूत्र इसके पीछे कई वजह बता रहे हैं। इसमें सबसे पहली बात तो यही है कि इनमें से कुछ कैदी भाग गए। इनकी कुछ समय बाद इंतजार देखकर संबंधित कोर्ट से भगौड़ा घोषित कराने की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। इसके अलावा कुछ कैदी ऐसे भी हो सकते हैं। जो अपनी जमानत अर्जी अदालतों में लगा रहे हो सकते हैं या फिर किसी के पास जेल में सरेंडर करने का मेसेज ही न पहुंचा हो।
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