- एमपीएसआईडीसी जल्द जारी करेगी टेंडर… 25 एकड़ से लेकर 10 हजार स्क्वेयर फीट तक के रहेंगे भूखंड
इंदौर। पीथमपुर सेक्टर-7 (Pithampur Sector-7) में नई स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप ( New Smart Industrial Township ) विकसित की जा रही है। लगभग दो हजार एकड़ में विकसित होने वाली इस टाउनशिप में डेवलपमेंट (development) के टेंडर मध्यप्रदेश (Trader Madhyapradesh) औद्योगिक विकास केन्द्र (एमपीएसआईडीसी) जल्द ही बुला रहा है। लगभग 550 करोड़ रुपए की राशि टाउनशिप (Township) के विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी, जिसमें 425 छोटे-बड़े भूखंड आने वाले उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। कई उद्योगों ने तो अभी से आवेदन भी दे दिए हैं। लिहाजा विकास कार्यों के टेंडर के साथ-साथ भूखंडों की बुकिंग (Booking) भी शुरू कर दी जाएगी। सबसे बड़ा भूखंड 10 हेक्टेयर, यानी 25 एकड़ का रहेगा तो अन्य भी बड़े आकारों से लेकर लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिए न्यूनतम 10 हजार स्क्वेयर फीट तक के भी भूखंड विकसित किए जा रहे हैं। लैंड पुलिंग एक्ट के तहत निजी जमीन मालिकों से ये जमीनें अधिगृहित की जा रही हैं, जिसमें 20 प्रतिशत राशि नकद और 80 प्रतिशत के बदले विकसित भूखंड जमीन मालिकों को दिए जाएंगे।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री (Chiefminister) ने इस नई इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Industrial Township) के कुछ जमीन (Property) मालिकों को 20 फीसदी मुआवजा राशि के चेक भी इंदौर में आयोजित समारोह के दौरान सौंपे थे। पीथमपुर (Pithampur) में पूर्व में जो इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Industrial Township)विकसित की गई उन सभी में भूखंडों का आवंटन हो चुका है और अब बड़ी संख्या में नए उद्योग-निवेशक आ रहे हैं। लिहाजा पीथमपुर सेक्टर-7 के नाम से यह नई स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप एमपीएसआईडीसी विकसित कर रहा है। इसमें सलमपुर, रन बिल्लौद, काली बिल्लौद, अम्बापुरा, किशनपुरा, बजरंगपुरा और बेटमाखुर्द की दो हजार एकड़ से अधिक निजी जमीनें हासिल की जा रही हैं और कुछ सरकारी जमीनें भी हैं। नए भूमि अधिग्रहण कानून के चलते अब निजी जमीनें अधिग्रहित करना मुश्किल हो गया है। लिहाजा लैंड पुलिंग एक्ट के तहत जमीन मालिकों से ये जमीनें ली जाएंगी, जिसमें 20 फीसदी नकद मुआवजा और 80 फीसदी मुआवजे के बदले विकसित भूखंड सौंपेंगे। इस टाउनशिप में उद्योग के अलावा आवासीय, व्यावसायिक, रिक्रिएशन और ग्रीन झोन के अलावा सामुदायिक सुविधाएं, जिनमें पार्किंग, स्कूल, हेल्थ सेंटर, सॉलीज वेस्ट, प्रोसेसिंग सुविधा, बिजली उपकेन्द्र, लॉजिस्टिंग, वेयर हाउसिंग सहित अन्य गतिविधियां भी रहेंगी। इसमें 425 बड़े, मध्यम और छोटे आकार के औद्योगिक भूखंड विकसित किए जा रहे हैं। एमपी एसआईडीसी इंदौर क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक रोहन सक्सेना के मुताबिक सबसे बड़े आकार के भूखंड 10 हेक्टेयर यानी 25 एकड़, उसके बाद 5 हेक्टेयर, 2 और 1 हेक्टेयर के भी रहेंगे। वहीं लघु, सूक्ष्म और मध्यम औद्योगिक इकाइयों के लिए 10-20 हजार स्क्वेयर फीट के भूखंडों का प्रावधान भी किया गया है। इसमें बड़े आकार के भूखंड 25, मध्यम आकार के 100 और छोटे आकार के 300 भूखंड विकसित किए जा रहे हैं। लगभग 20 हजार लोगों को यहां रोजगार मिलेगा और 10 से 12 हजार करोड़ का निवेश आएगा। सक्सेना के मुताबिक 550 करोड़ रुपए की राशि से इस सेवन सेक्टर का विकास किया जाएगा। वहीं खंडवा रोड स्थित क्रिस्टल आईटी पार्क में पीछे की तरफ तीसरा आईटी पार्क भी बनाया जा रहा है।