हैदराबाद । हैदराबाद की एक अदालत (A court of Hyderabad) ने रविवार को फोन टैपिंग और सबूत नष्ट करने के मामले में (In Phone Tapping and Evidence Destruction Case) तेलंगाना के दो पुलिस अधिकारियों को (Two Telangana Police Officers) 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया (Sent to 14-days Judicial Custody) । भूपालपल्ली जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एन भुजंगा राव और हैदराबाद सिटी पुलिस के सिटी सिक्योरिटी विंग के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त तिरुपथन्ना को मजिस्ट्रेट के सामने उनके घर पर पेश किया गया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, मजिस्ट्रेट ने दोनों अधिकारियों को 6 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बाद में उन्हें चंचलगुडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया। दोनों अधिकारियों पर आईपीसी की धारा 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 70 के तहत मामला दर्ज किया गया था। दोनों को शनिवार रात गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी ने उन आरोपों की जांच तेज कर दी है कि उन्होंने पिछली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के निर्देश पर विपक्षी नेताओं के फोन टैप किए थे।
एसआईबी के डीएसपी डी. प्रणीत राव को फोन टैपिंग मामले में सबूत नष्ट करने के आरोप में निलंबित और गिरफ्तार किया गया था। प्रणीत राव से पूछताछ के दौरान मामले में कथित रूप से शामिल अन्य अधिकारियों के नाम सामने आए। विधानसभा चुनाव में बीआरएस की हार के बाद 50 हार्ड डिस्क को नष्ट कर डेटा मिटाने के आरोप में प्रणीत राव को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया।
प्रणीत राव ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि उन्होंने तत्कालीन एसआईबी प्रमुख प्रभाकर राव के आदेश पर काम किया। पिछले दो दिनों में पुलिस ने प्रभाकर राव, भुजंगा राव, तिरुपतन्ना, सिटी टास्क फोर्स के पूर्व अतिरिक्त डीसीपी पी. राधा किशन राव, सेवानिवृत्त डीएसपी संबाशिव राव आईन्यूज टीवी चैनल के एमडी श्रवण राव के घरों पर तलाशी ली। इस बीच, पुलिस ने प्रभाकर राव, राधा किशन राव और श्रवण राव के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया है। तीनों कथित तौर पर विदेश चले गए हैं। फोन टैपिंग का मामला तब सामने आया जब प्रणीत राव को विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से खुफिया जानकारी मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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