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    किर्गिस्तान की हिंसा में फँसे उज्जैन के दो छात्र जान बचाकर लौटे

  • May 28, 2024

    • छात्रों ने कहा-हिंसा के बीच दूसरे देशों के छात्रों को गोली मारने के लिए सोशल मीडिया पर गुस्सा भड़काया जा रहा था
    • होस्टल और फ्लैट में घुसकर की जा रही थी मारपीट-स्थानीय पुलिस ने नहीं दिया साथ-खुलेआम हो रही थी लूटपाट

    उज्जैन। किर्गिस्तान में जारी हिंसा के बाद वहाँ से छात्र भारत लौट रहे हैं। इसके लिए उन्हें बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। किर्गिस्तान की हुई हिंसा में मध्य प्रदेश के कई छात्र फँसे हुए थे जो अब धीरे-धीरे अपने घर पहुँच रहे हैं। उज्जैन के भी दो छात्र थे जो पुन: लौट आए हैं।
    सोचिए आप पढ़ाई के लिए अपने घर परिवार को छोड़कर दूसरे वतन में है और वहाँ ऐसी हिंसा फैल जाए कि आपकी जान पर ही बन आए, सड़कों पर खुलेआम लूटपाट होने लगे, आपके होस्टल या फ्लेट में घुसकर मारपीट की जानी लगे, बाहरी छात्रों को गोली मारने की बात होने लगे और वहाँ की पुलिस भी फिर आपका साथ ना दे तो वह मंजर कितना खौफनाक और भयावह होगा। पिछले कई दिनों से यह सब कुछ सहा है उज्जैन के दो छात्रों ने और फिर किसी तरह से अपने आप को मौत के मुँह से बाहर निकाल कर घर लौट आए हैं। दरअसल किर्गिस्तान के बिश्केक में हुई हिंसा के बाद अब वहाँ रह रहे छात्र वतन वापसी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के भी सैकड़ों छात्र वहाँ पढ़ाई के लिए गए थे, उनमें से कुछ भारत लौट चुके हैं, तो कुछ अब भी वहाँ फँसे हैं। इनमें से उज्जैन निवासी छात्र रोहित पांचाल और रवि कुमार सराठे भी लौट चुके हैं। रोहित और रवि किर्गिस्तान के कांत शहर स्थित एशियन मेडिकल इंस्टीट्यूट से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। दोनों छात्र यूनिवर्सिटी के होस्टल में ही रहते थे, ऐसे में भीड़ उन्हें नुकसान नहीं पहुँचा पाई। वहीं भारत लौटने के बाद दोनों छात्रों ने वहाँ के घटनाक्रम हालात और अपनी वतन वापसी की कहानी बताई। छात्र रोहित पांचाल ने कहा कि 13 मई को बिश्केक स्थित एक होस्टल में कुछ स्थानीय लोग घुस आए थे, जिन्होंने इजिप्ट की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की। जिसके बाद इजिप्ट के छात्रों ने उन्हें पीट दिया। बाद में किर्गिस्तान के ही कुछ लोग वापस होस्टल पहुँचे और इजिप्ट के छात्रों के साथ मारपीट की।



    हालांकि यह मामला इसके बाद शांत हो गया। घटनाक्रम के फोटो-वीडियो वायरल होने के बाद दोबारा बिश्केक में हिंसा भड़क गई। 18 मई को रात 7 से 8 बजे के बीच स्थानीय लोग विक्ट्री स्क्वायर पर इक_ा हुए और वहाँ के होस्टल और फ्लेट में दाखिल हो गए जिसके बाद उन्होंने दूसरे देशों के छात्रों के साथ मारपीट शुरू कर दी। छात्रों की सार्वजनिक रूप से पिटाई की गई तो वहीं होस्टल और फ्लेट में घुसकर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ हुई। रोहित ने बताया कि वे बिश्केक से 20 किलोमीटर दूर कांत में यूनिवर्सिटी कैंपस में बने होस्टल में रहते हैं। बिश्केक में हुई हिंसा के बाद यहाँ भी वैसा ही माहौल हो गया और फ्लेट में रह रहे छात्रों के साथ मारपीट की गई। वहीं जो छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में रह रहे थे वहां स्थानीय लोग नहीं पहुँच पाए। बिश्केक में हालात खराब होने के बाद यूनिवर्सिटी की ओर से छात्रों को सुरक्षा दी जा रही थी। नोटिस जारी कर किसी भी छात्र को कैंपस से निकलने से मना कर दिया गया। साथ ही यूनिवर्सिटी के ऐसे छात्र जो फ्लैट में रह रहे थे, उन्हें भी यूनिवर्सिटी कैंपस के होस्टल में बुला लिया गया। किर्गिस्तान में भड़की हिंसा के बाद वहाँ की पुलिस ने अपने हाथ खड़े कर दिए। जिसके बाद भीड़ और बेकाबू हो गई। 100-100 लोगों का ग्रुप न सिर्फ फ्लेट में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट कर रहा था, बल्कि चाकू की नोंक पर उनसे लूटपाट भी की जा रही थी। साथ ही छात्रों को पत्थरबाजी तक झेलना पड़ी। छात्र रवि ने बताया कि स्थानीय लोगों में दूसरे देशों के छात्रों के प्रति खासा गुस्सा देखा जा रहा था। यहाँ तक कि वहाँ के सोशल मीडिया हैंडल पर बाहरी लोगों को गोली मारने तक की बात कही जा रही थी। छात्र करीब 6 दिनों तक होस्टल में कैद रहे, जिसके बाद वहाँ धीरे-धीरे हालात सामान्य होते चले गए। वहीं यूनिवर्सिटी की ओर से भी छात्रों को नोटिस जारी किया कि वे चाहें तो अपने देश जा सकते हैं। इसके बाद छात्रों ने हिंसा के माहौल के बीच ही घर लौटने की तैयारी की। छात्र रोहित ने बताया कि कांत से अल्माटी एयरपोर्ट 500 किमी से अधिक दूरी पर स्थित है, ऐसे में वे बस से 20 किमी का सफर तय कर किर्गिस्तान-कजाकिस्तान बॉर्डर पर पहुँचे और वहाँ से बस के जरिए ही 500 किमी का सफर तय कर अल्माटी एयरपोर्ट तक पहुँचे। इसके बाद फ्लाइट से छात्र अल्माटी एयरपोर्ट से अबूधाबी और यहाँ से दिल्ली आए। छात्रों को किर्गिस्तान से बॉर्डर तक के 20 किलोमीटर के सफर के दो हजार रुपये तो वहीं बॉर्डर से अल्माटी एयरपोर्ट तक के 500 किमी के सफर के लिए 10 हजार रुपये चुकाने पड़े। ऐसे में कजाकिस्तान से भारत तक का सफर जो सामान्य तौर पर 20 से 25 हजार रुपये में तय हो जाता है, उसके लिए छात्रों को करीब 50 हजार रुपये तक चुकाने पड़े और अब तो टिकट और महँगा हो चुका है। किर्गिस्तान में भड़की यह हिंसा शांत हो चुकी है, लेकिन स्थानीय लोगों में छात्रों के प्रति अब भी रोष देखा जा रहा है, ऐसे में अब भी कई छात्र भारत लौटने के प्रयास में जुटे हैं। वहीं भारतीय दूतावास भी छात्रों को उनके फ्लेट-होस्टल से एयरपोर्ट तक छोडऩे में पूरी मदद कर रहा है। वहीं जून में होने वाली परीक्षा भी ऑनलाइन करवाने पर विचार किया जा रहा है।

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