उज्जैन। शिप्रा नदी में लगातार मौतों का सिलसिला जारी है। कल शाम को इंदौर से आए 6 युवकों में दो की डूबने से मौत हो गई। मृतक कटनी और दमोह के रहने वाले हैं तथा इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। पुलिस ने घटना के बाद दोनों के शवों को बाहर निकलवाया। आज सुबह उनके परिजन भी आ गए थे। शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उनके सुपुर्द कर
दिया गया। महाकाल थाना पुलिस ने बताया कि घटना कल शाम 6 बजे की है। कार से 6 युवक कल शाम को शिप्रा तट पर पहँुँचे और दत्त अखाड़ा क्षेत्र में सभी शिप्रा नदी में स्नान करने लगे। इस दौरान तीन युवक गहरे पानी में जाकर डूबने लगे जिस पर उनके साथियों ने जैसे-तैसे एक को तो बचा लिया लेकिन दो को नहीं बचा पाए और वे पानी में डूब गए। शोर सुनकर वहाँ लोग पहुंचे और तैराक तथा होमगार्ड जवान आ गए और नदी में कूदकर डूबे दोनों युवकों की खोज शुरू की। आधे घंटे में दोनों युवकों के हाथ पकड़े हुए शव बाहर निकाले गए। साथ आए युवकों ने बताया कि मृतकों के नाम आर्यन पिता प्रवीण चतुर्वेदी निवासी दमोह और सविनय पिता रामाश्रय यादव निवासी कटनी है। दोनों इंदौर में रहकर होल्कर कॉलेज में कैट की पढ़ाई कर रहे थे जिस युवक को बचा लिया गया उसका नाम हिमांशु पंड्या बताया जा रहा है और वह कटनी का निवासी है।
दोनों छात्रों के शवों को अस्पताल भिजवाया गया। मृत छात्रों के परिजनों को सूचना दी गई जिस पर वे आज सुबह उज्जैन आ गए थे। दोनों छात्रों के शवों का सुबह पोस्टमार्टम कराया गया और परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। शवों को वे अपने साथ ले जाएंगे। साथ आए दोस्तों ने बताया कि वे महाकाल लोक कॉरिडोर देखने के लिए कल शाम कार से आए थे और मंदिर जाने से पहले सभी शिप्रा नदी में नहाने पहुंचे और यह हादसा हो गया। मृतकों के पिता रेलवे और स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। उल्लेखनीय है कि शिप्रा नदी में आए दिन बाहरी श्रद्धालुओं की डूबने से मौत हो रही है लेकिन प्रशासन ने वहाँ सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए हैं। इतने लोगों की मौत होने के बाद प्रशासन नदी में गहरे पानी की सूचना के संकेतक लगाने को तैयार नहीं है। सीएसपी ओ.पी. मिश्रा ने बताया कि नदी पर गहरे पानी के सूचना बोर्ड लगाने के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा जिसके परिणाम इस तरह से लोगों की मौत हो रही है।
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