भोपाल। जबलपुर (Jabalpur) में पिछले माह एटीएम (ATM) में कैश लोडिंग (cache loading) के के समय लाखों की लूट एवं गनमैन की हत्या (gunman murder) करने वाले दो आरोपितों को पुलिस ने यूपी (UP) के वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों के कब्जे से लूटी गई 32 लाख 98 हजार रुपये रकम भी जब्त बरामद कर ली है।
इस प्रकार है मामला
जबलपुर जिले के बैंक ऑफ महाराष्ट्र तिलहरी ए.टी.एम के पास 11 फरवरी को एटीएम में कैश लोडिंग के दौरान बदमाशों ने गार्डों पर गोली से फायर कर दिया जिसमे में एक की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य घायल हो गए थे। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत घायलों को उपचार के लिए सिटी अस्पताल ले जाया गया है। अस्पताल पहुंची पुलिस को अभिलाष यादव पिता गिरधर यादव उम्र 38 वर्ष निवासी भरतीपुर इलाहाबाद बैंक के पास ओमती ने बताया था कि एस.आई.एस.कंपनी भोपाल का ए.टी.एम केश वाहन चलाता है। 11 फरवरी को पेन्टीनाका होकर गोराबाजार तिलहरी स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्रा के पास गाड़ी खड़ी किया, गन मैन राजबहादुर पटेल आगे वाली सीट पर उसके बाजू मे बैठा था। दोनों कैशियर राजबहादुर सिंह एवं श्रेयांश ताम्रकार वैन से उतरकर एक कैश पेटी लेकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र तिलहरी के ए.टी.एम में कैश डालने के लिये जा रहे थे दो अज्ञात लुटेरो ने कैशियर राज बहादुर सिंह पिता विजय उम्र 34 वर्ष निवासी मटवारा भिटौनी शहपुरा एवं श्रेयांश ताम्रकर पुत्र भागवत ताम्रकार उम्र 28 वर्ष निवासी शाही नाका गढ़ा को गोली मारकर घायल कर दिया तथा कैश वाहन में बैठे गनमैन राजबहादुर पटैल पिता रामकुमार पटैल उम्र 45 वर्ष निवासी पान उमरिया जिला कटनी हाल निवासी साई मंदिर जवाहर नगर थाना आधारताल की गोली मारकर हत्या कर कैश की एक पेटी लूट कर ले गये।
सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर घटना के तुरंत बाद शहर में नाकबंदी प्वाईट लगाये गये। जिसके बाद कैश वाहन के चालक अभिलाष यादव की रिपोर्ट पर थाना गोराबाजार में आर्म्स एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जबलपुर जोन जबलपुर उमेश जोगा एवं उप पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर रेंज जबलपुर श्री आर.आर. सिंह परिहार के मार्गदर्शन तथा पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा के नेतृत्व में गठित विशेष टीम सी.सी.टी.व्ही. एवं रूट मैपिंग टीम, सायबर टीम, मुखबिर एवं पूछताछ टीम, गिरफ्तारी टीम के द्वारा अपनी-अपनी भूमिकाओं के अनुसार आरोपियों को चिन्हित करते हुये घटना स्थल से उनके गृह निवास तक पहुंचने के साक्ष्यों के आधार पर दबिश देते हुये दोनों आरोपी सगे भाईयों को धरदबोचा गया एवं घटना मे प्रयुक्त मोटर सायकिल होण्डा शाईन जिस पर रजिस्ट्रेशन नम्बर यू.पी. 65 बी.वाय. 5153 लिखा है (जो कि फर्जी नम्बर है) एवं नगद 32 लाख 98 हजार रूपये बरामद कर आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार किया जाकर विस्तृत पूछताछ तथा घटना में प्रयुक्त पिस्टल एवं कैश पेटी की बरामदगी हेतु मान्नीय न्यायालय के समक्ष पेश कर पुलिस रिमाण्ड लिया जा रहा है।
दोनों आरोपित भाई मनोज पाल एवं सुनील पाल जो कि बचपन से जबलपुर में आर्मी स्कूल में पढे लिखे है एवं जबलपुर की भौगोलिक स्थित से अच्छी तरह वाकिफ हैं, इन दोनों ने 2017 में पारिवारिक विवाद एवं आर्थिक तंगी के कारण जबलपुर छोड दिया एवं गुजरात में काम करने लगे, जहां काम करते हुये रातों-रात पैसा कमाने और आर्थिक तंगी दूर करने के लिये बैंक-एटीएम लूटने का प्लान बनाया, जबलपुर चूंकि इनके लिये सबसे बेहतर विकल्प था, इसलिये योजना के अनुसार दोनों नवम्बर 2021 में गुजरात से जबलपुर आये एवं गुप्त रूप से कैंट क्षेत्र में महावीर कम्पाउंड अंतर्गत रिटायर्ड जेल अधिकारी के यहां किराये का कमरा लेकर रहने लगे, इस दौरान उन्होनें अपने बचाव के लिये किसी भी प्रकार के पहचान पत्र, किसी भी स्थान पर उपलब्ध नहीं कराये एवं मोबाईल का प्रयोग भी कहीं नहीं किया।
दोनों आरोपितों ने जबलपुर में घूमकर शहर के ग्वारीघाट, गोरखपुर, सदर, गोराबाजार, बिलहरी, तिलहरी स्थित विभिन्न बैंकों के एटीएम की रैकी की, जिसमे से तिलहरी स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्रा के एटीएम को चिन्हित किया क्योंकि यह एटीएम बंद कैम्पस में एवं बाईपास के अत्यंत नजदीक था, जहां से निकलकर भागने में आसानी थी पकडे जाने की सम्भावना कम थी। योजना के मुताबिक रोजाना आर.सी. ग्राउड के पास खड़े होकर दोनों एटीएम मे पैसा डालने वाली कैश वैनों पर नजर रखने लगे एवं बैंक ऑफ महाराष्ट्रा में जाने वाली कैश वैन को चिन्हित कर लिया एवं रोजाना उसी वैन का इंतजार करते रहते थे, जब भी चिन्हित वैन निकलती थी उसका पीछा करते हुये कैश वैन के पहुंचने के लगभग एक मिनिट पहले वैन को ओवर टेक करते हुये एटीएम पहुंच जाते थे, और दोनों अपनी-अपनी भूमिका के हिसाब से बैंक एटीएम के पास एवं कैम्पस के बाहर घटना को अंजाम देने के लिये अपने-अपने चिन्हित स्थान पर खडे हो जाते थे। रैकी के दौरान दौनो बैंक एटीएम में जाकर बाहर खडे लोगों को भ्रमित करने का भी प्रयास करते थे, और एटीएम मशीन में कैश लोड होने के बाद जमीन पर पड़ी रबर की संख्या के आधार पर लोड होने वाले कैश का अंदाजा लगा लेते थे।
पुलिस के अनुसार 11 फरवरी को आरोपी योजना के अनुसार एटीएम के पास जैसे ही कस्टोडियन श्रेयांश ताम्रकार पेटी लेकर एटीएम की तरफ गये, जिनके पीछे दूसरे कस्टोडियन राजबहादुर सिंह आ रहा था तभी मनोज पाल ने पहले श्रेयांश ताम्रकार फिर राजबहादुर सिंह को गोली मारकर घायल कर दिया और कैश पेटी छीनकर कैम्पस से बाहर होने के बाद वैन मे बैठे गार्ड को भी गोली मारी, इसी दौरान अन्य आरोपी सुनील पाल ने कैश वैन मे बैठे गार्ड राजबहादुर पटेल को गोली मारकर हत्या कर दी, दोनों अपनी होण्डा शाईन गाड़ी से बरेला बाईपास की ओर भाग गये एवं गुप्त स्थान पर पेटी एवं गाड़ी छिपाकर कपडे बदलकर आटो से अपने कमरे आ गये एवं हेयर सैलून में बाल कटवाकर अपना हुलिया बदल लिया। घटना के दूसरे दिन आटो से वापस उसी गुप्त स्थान पर पहुंचे एवं गाड़ी एवं पेटी में रखे कैश को लेकर अपने कमरे आये एवं कमरे से सामान उठाकर रीवा-सतना रोड से होते हुये अपने गृह निवास गांगपुर वाराणसी उत्तर प्रदेश निकल गये। जहां से पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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