उज्जैन। उज्जैन शहर में कुल 11 थाने हैं जो शहर भर के अपराधों पर नियंत्रण रखते हैं लेकिन वर्तमान में इन थानों को बहार से देखने पर यह कबाड़ की दुकान की तरह दिखते हैं । इनमें सबसे ज्यादा खराब हालत महाकाल थाने की है। उज्जैन शहर में अपराध नियंत्रण के लिए कुल 11 थाने स्थापित हैं और हर दिन एक्सीडेंट, मादक पदार्थ की तस्करी किसी अपराध को घटित करने के लिए एवं अन्य कई मामलों में दोपहिया से लेकर चौपहिया वाहनों की जप्ती इन थानों में होती हैऔर कई वर्षों से इन दोपहिया और चौपहिया वाहनों का निकाल नहीं होने पर अब यह थाने इन जप्त किए गए वाहनों से भरा चुके हैं।
कई थानों की हालत तो यह है कि अब थाना परिसर में जगह नहीं होने के कारण थाने के बाहर मुख्य द्वार पर भी वाहन रखे जा रहे हैं। जैसे माधव नगर, नीलगंगा, महाकाल और चिमनगंज जैसे बड़े थानों में एक्सीडेंट में टूटे-फूटे वाहन थाने में प्रवेश करते ही मुख्य गेट पर ही आपको नजर आ जाएंगे। थाने के पुलिसकर्मी भी कहते हैं कि जब तक केस चलता है इन वाहनों का कोई निकाल नहीं होता है। वर्तमान में सबसे ज्यादा हालत खराब है महाकाल थाने की क्योंकि यहां अपराधों में जप्त वाहनों को रखने की जगह तक नहीं है इसलिए मजबूरी वश बाहर रोड़ पर ही यह वाहन रखे जाते हैं ।
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