कोलकाता । राज्य में ‘द केरला स्टोरी’ के प्रदर्शन पर (On Screening of ‘The Kerala Story’ in the State) पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिबंध (West Bengal Government’s Ban) को चुनौती देते हुए (While Challenging) बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में (In Calcutta High Court) दो जनहित याचिकाएं (Two PILs) दायर की गई (Filed) । दोनों याचिकाएं मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ के समक्ष दायर की गई हैं।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया, जब फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ पहले ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय में पहली जनहित याचिका अनिंद्य सुंदर दास द्वारा दायर की गई। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार सिर्फ एक अधिसूचना जारी करके फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है। उन्होंने तर्क दिया कि फिल्म पर प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
दूसरी जनहित याचिका एक अन्य व्यक्ति देबदत्त मांझी ने दायर की। उन्होंने फिल्म पर पाबंदी के लिए राज्य सरकार की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की। खंडपीठ ने दोनों याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है। गौरतलब है कि सोमवार को फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि फिल्म के कुछ दृश्य राज्य में शांति और सद्भाव को प्रभावित कर सकते हैं।
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