इंदौर। साइबर ठगोरे (cyber thugs) लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीके ढूंढते हैं। पिछले कुछ समय से डीलरशिप और फ्रेंचाइजी के नाम पर ठगी के मामले बढ़ गए हैं। ऐसे ही दो मामले साइबर सेल के पास पहुंचे हैं, जिनमें दो लोगों के साथ पतंजलि की डीलरशिप देने के नाम पर दस-दस लाख की ठगी हुई है। अब साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।
पिछले पंद्रह दिनों में साइबर सेल (cyber cell) के पास दो शिकायतें पहुंची हैं। एक मामला बड़वाह के व्यापारी का है तो दूसरा इंदौर में एक व्यापारी का। दोनों को पतंजलि की डीलरशिप (Patanjali Dealership) देने के नाम पर दस-दस लाख की ठगी का शिकार बनाया गया। दोनों मामलों में साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी है। बताते हैं कि आरोपी गूगल पर नामी कंपनियों (reputed companies) के नाम से या तो फर्जी पेज बना लेते हैं अथवा एड देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।
बाद में अपने खातों में उनसे रुपए जमा करवा लेते हैं और फिर फोन बंद कर लेते हैं। चूंकि कंपनी का नाम, ठग का नाम और जीएसटी नंबर (gst number) तक फर्जी होता है, इसके चलते पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाती है और यह सिलसिला जारी है। इन दोनों मामलों में पुलिस को कुछ सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आयुर्वेदिक मेडिसिन कंपनी की फ्रेंचाइजी देने वाले भी सक्रिय
कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच ने आयुर्वेदिक मेडिसिन कंपनी (Ayurvedic Medicine Company) के नाम पर इंदौर के एक व्यक्ति से एक लाख की ठगी करने वाले आजाद नगर निवासी संचालक को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ कनाडिय़ा थाने में केस दर्ज किया गया है, जबकि उसके साथियों की तलाश है। इस मामले में भी ठगों ने गूगल पर एड देकर कंपनी की फ्रेंचाइजी देने की बात कही और खाते में पैसा जमा करवा लिया। हालांकि क्राइम ब्रांच उन तक पहुंच गई। इस मामले में भी फर्र्जी एग्रीमेंट, फर्जी जीएसटी नंबर और फर्जी नाम-पते थे, लेकिन खाते की जानकारी के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया। पुलिस का कहना है कि फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ठगी की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।
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