उज्जैन। पिछले 20 दिनों से डेेंगू पैर पसार रहा है। पिछले हफ्ते तक जिले में डेंगू पीडि़तों की संख्या 150 तक पहुंच गई थी और यह अब 160 हो गई है। रोजाना औसतन एक हफ्ते से दो नये डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। टाटा कंपनी द्वारा खुले गड्ढे छोड़े गए हैं जिनके पानी में लार्वा पनप रहे हैं।
वायरल फीवर के साथ साथ डेंगू पीडि़त मरीजों की संख्या पिछले एक महीने से आए दिन बढ़ रही है। मलेरिया विभाग के रिकार्ड में पिछले महीने तक इस साल सिर्फ 7 डेंगू के पॉजिटिव मामले थे, लेकिन इसके बाद 1 सितंबर से लेकर 20 सितंबर तक इसमें 153 का इजाफा हो गया है। मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले एक हफ्ते से औसतन रोजाना दो नए केस डेंगू के सामने आ रहे है। यही कारण है कि प्रभावित क्षेत्रों में लार्वा तलाश कर उसे नष्ट करने के लिए टीमें लगी हुई है।
आज सुबह शहर में कुशलपुरा क्षेत्र में मलेरिया विभाग की टीम पहुंची और यहां मिले डेंगू के मरीजों के घरों के 100 मीटर के दायरों में डेंगू लार्वा की जांच की। कई लोगों के घरों के आसपास जमा पानी में कीटनाशक डाला गया। इसके अलावा लोगों की पानी की टंकियां व अन्य ऐसे स्थान जहां पानी जमा होता है, उसकी भी जांच की गई और लोगों को बताया गया कि वे अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दे। आवश्यकता होने जितना पानी घरों में स्टोर करें। चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है और यह घुटनों से ऊपर नहीं उड़ पाता। इससे बचने के लिए छोटे बच्चों के पैरों को ढंक कर रखा जाए। डेंगू का लार्वा साफ पानी में ही पनपता है। इसका विशेष ध्यान रखा जाए। सोते वक्त मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।
डेंगू फैला रहा टाटा
डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी से मुकाबला कर रहे शहर के लोगों का कहना है कि हम अपने घरों में तथा आसपास पानी जमा नहीं होने देंगे, लेकिन टाटा कंपनी ने जो सीवरेज लाइन बिछाने के नाम पर पूरे शहर के गली मोहल्लों की सड़कें खोदकर गढ्ढों में तब्दील कर दी और उनमें बरसात का पानी जमा हो रहा है। इसका जिम्मेदार कौन है। नगर निगम भी इस पर ध्यान नहीं दे रही। शहर में इसी कंपनी के धीमे काम की बदौलत डेंगू फैल रहा है। टाटा शहर में डेंगू की बीमारी फैला रहा है।
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