इंदौर। इंदौर संभाग की सबसे बड़ी केंद्रीय जेल में क्षमता से चार गुना कैदियों को रखे जाने के कारण जेल प्रशासन के सामने बड़ी समस्या खड़ी होती जा रही है। गर्मी के दिनों में सबसे ज्यादा कठिनाइयां कैदियों को उठाना पड़ रही हैं। आज सेंट्रल जेल में एक करोड़ की लागत से तैयार की गई डबल स्टोरी दो नई बैरकों को ताबड़तोड़ शुरू कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार जेल में यूं तो क्षमता 1100 कैदियों को रखने की है, लेकिन वर्तमान में इसमें 2300 कैदियों को रखा जा रहा है। जेल में इस समस्या से निजात दिलाने के लिए 1 वर्ष पूर्व जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने शासन स्तर पर कुछ प्रयास किए थे।
उसके परिणाम स्वरूप एक करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी। उसी से जेल में डबल स्टोरी दो बैरक तैयार की गईं। आज सुबह जेल अधिकारियों की मौजूदगी में इन्हें शुरू कर दिया गया। हालांकि उसमें कुछ काम अभी बाकी है। जेल के सूत्रों ने बताया कि इन नई बैरकों में 50 कैदियों को रखा जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि सेंट्रल जेल में अंग्रेजों के जमाने की 40 साल पुरानी बैरकें बनी हैं। उनमें मजबूरन कैदियों को रखा जाता है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ के न्यायाधीश कई बार संज्ञान लेकर कह चुके हैं कि क्षमता को काम किया जाए और आसपास के जिलों में इन कैदियों को भेजा जाए। बावजूद इसके स्थिति ऐसी बनी हुई है।
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