नई दिल्ली। भारत में कोरोना के दो और वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने कोवोवैक्स और कोर्बीविकेस को आपात स्थिति के लिए मंजूरी दी है। इसके अलावा एंटीवायरल दवा Molnupiravir को भी मंजूरी दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि कॉर्बेवैक्स वैक्सीन भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। इसे हैदराबाद स्थित फर्म बायोलॉजिकल-ई में बनाया गया है। यह भारत में विकसित हुआ तीसरा टीका है। वहीं, कोवोवैक्स का निर्माण पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा।
इन वैक्सीनों को मिल चुकी हैं मंजूरी
भारत में अभी तक कोरोना की आठ वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। इसमें भारत की स्वदेशी निर्मित वैक्सीन कोविडशील और कोवाक्सिन भी शामिल हैं। भारत में सबसे ज्यादा कोविडशील की खुराकें लगाई गई हैं। इस दोनों वैक्सीन को विश्व स्वास्थ संगठन की ओर से भी मंजूरी मिल चुकी है।
इसके अलावा भारत में रूस की स्पुतनिक वी, स्पुतनिक लाइट, अमेरिकी की फाइजर की कोरोना वैक्सीन और जॉनसन एंड जॉनसन को भी आपात स्थिति के लिए अनुमति दी जा चुकी है। इसके अलावा जायडस कैडिला वैक्सीन की खुराक भी लोग ले रहे हैं।
3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों को भी टीका
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की दहशत के बीच भारत में 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को भी कोरोना टीका लगाया जाएगा। तीन जनवरी से बच्चों को कोरोना टीका लगाया जाएगा। इसके लिए 1 जनवरी से कोविन एप पर बच्चे टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। संभावना है कि बच्चों को भारत बायोटेक की कोवाक्सिन का टीका लगाया जाएगा। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने बच्चों के लिए कोवाक्सिन को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है।
तेजी से फैल रहा ओमिक्रॉन
देश में ओमिक्रॉन का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। एक दिन में सबसे ज्यादा 135 मामले दर्ज हुए हैं, जिससे कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 670 हो गई। सोमवार को गोवा और मणिपुर में भी ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दी। दोनों राज्यों में कल एक-एक मरीज मिले। ओमिक्रॉन अब तक 21 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैल गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved