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    दो मंत्री व कई विधायक लेते थे कमलनाथ से मंथली

  • December 18, 2020


    सीबीडीटी की रिपोर्ट पहुंची वल्लभ भवन…राज्य सरकार दो-चार दिन में लेगी फैसला
    भोपाल, रवीन्द्र जैन।  कमलनाथ सरकार के समय पड़े आयकर छापों पर यदि कार्रवाई हुई तो मौजूदा शिवराज सरकार के दो मंत्री और कांग्रेस के कई विधायक लपेटे में आ सकते हैं। आयकर छापे में यह बात सामने आई थी कि विभाग को ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिसमें कमलनाथ सरकार अपने ही विधायकों को मंत्री न बनाए जाने के एवज में हर महीने लाखों रुपए की राशि देती थी। इन विधायकों में से दो वर्तमान में पाला बदलकर शिवराज सरकार में मंत्री बन गए हैं। देश के चुनाव आयोग ने केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की जिस रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं, वह रिपोर्ट गुरुवार को भोपाल पहुंच गई है।
    आयकर विभाग ने 2019 में कमलनाथ से जुड़े लोगों के लगभग 50 ठिकानों पर छापे मारकर 281 करोड़ का बेनामी हिसाब-किताब पकड़ा था। इस छापे के आधार पर केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने चुनाव आयोग को रिपोर्ट सौंपी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में ब्लैकमनी का उपयोग हुआ है। खबर है कि इसके लिए मप्र के तीन आईपीएस और एक राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी का नाम लेते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। गुरुवार को दिल्ली से चुनाव आयोग के अधिकारी बंद लिफाफे में यह रिपोर्ट लेकर भोपाल पहुंचे। बताया जाता है कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीरा राणा ने सीलबंद रिपोर्ट को जस का तस अपने पत्र के साथ कल देर शाम ही सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया है। उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर कराने पर विचार करेगी।
    छापे की परत-दर-परत
    कमलनाथ सरकार के समय पड़े आयकर छापे के मामले में कार्रवाई हुई तो कई चेहरे उजागर हो सकते हैं। छापे के दौरान आयकर को जो दस्तावेज मिले थे उनके अनुसार कई विभागों से वसूली होती थी। प्रदेश में काम कर रही कई कंपनियों और ठेकेदारों से भी जमकर वसूली हुई है। यह पैसा विधायकों में बंटने के अलावा दिल्ली भी भेजा जाता था। जिन विधायकों को पैसा बंटा है उनमें दो कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हो चुके हैं और मंत्री भी हैं। एक विधायक गैरकांग्रेस व गैरभाजपा से है। आरोप है कि कमलनाथ सरकार में मोटी रकम हवाला के जरिए दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय भेजी गई। दिल्ली में प्रकाश नाम के एक व्यक्ति का उल्लेख भी आया है। हालांकि आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रकाश का असली नाम विकास ढींगरा है। यह कांग्रेस के एक दिग्गज नेता की महिला मित्र की बहन का पति है। आयकर विभाग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि आयकर छापे के बाद विकास ढींगरा लगभग 37 करोड़ रुपए लेकर विदेश भाग गया है।

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