पर्यटकों की 3 बजे से एंट्री बंद… शिकारगाह के रास्ते में टीम लोगों को कर रही सचेत
इंदौर। रालामंडल अभयारण्य (Ralamandal Sanctuary) में 2 तेंदुए (Leopards) घूमते दिखे, जिसको लेकर वन विभाग ने अभयारण्य में पर्यटकों की 3 बजे से एंट्री बंद कर दी है। इसके साथ ही रालामंडल अभयारण्य (Ralamandal Sanctuary) के गेट से लेकर शिकारगाह तक कई जगहों पर वन विभाग (Forest Department) के कर्मचारी तैनात रहकर आने-जाने वाले लोगों को सचेत करते रहते हैं।
रेंजर आकांक्षा खातरकर ने बताया कि अभयारण्य में तेंदुए (Leopards) तो पहले से ही हैं, लेकिन वह पहाड़ी के पीछे रहते है, लेकिन तीन-चार दिनों से दो तेंदुआ देखे गए हैं, जिसको लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। यहां पर्यटकों की एंट्री सुबह 9 बजे से 3 बजे तक की जा रही है। 4 बजे तक सभी पर्यटकों को बाहर निकाल दिया जाता है। तेंदुआ रात के अंधेरे में ही बाहर निकलता है, जिसे गंभीरता से लेते हुए अंधेरा होने के पहले ही अभयारण्य पूरा खाली करा दिया जाता है।
40 नीलगाय और 30 चीतल सहित 150 से अधिक हंै अन्य जानवर
रालामंडल अभयारण्य (Ralamandal Sanctuary) में हिरणों का झुंड आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वे गेट के पास ही खाली मैदान में घूमते रहते हैं, जो बड़े ही मनमोहक लगते हैं। इसके अलावा कृष्णमृग और खरगोश की टोली भी घूमती रहती है, जो बड़ी ही अच्छी लगती है। अभयारण्य में 40 नीलगाय, 25 से 30 चीतल, 50 कृष्णमृग, 50 खरगोश व 12 से 15 सियार सहित अन्य शाकाहारी जानवरों की संख्या लगभग 70 है। इसके अलावा विभिन्न प्रजातियों के 100 से अधिक पक्षी भी हैं। वन विभाग की टीम द्वारा इनके लिए रोज दाने व गुड़ डाला जाता है। इसी प्रकार मांसाहारी जानवरों में लकड़बग्घा, जंगली सूअर, सेही व तीन से चार तेंदुए भी हैं, जो अभयारण्य के पीछे पहाड़ी की ओर रहते हैं। पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर जिस इलाके में तेंदुए (Leopards) रहते हैं, वहां तार फेंसिंग कर दी गई है।
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