भोपाल। इंदौर (Indore) के एक युवक के क्रिप्टो वॉलेट (crypto wallet) में हैकर्स ने सेंध लगा दी। इतना ही नहीं, उसके वॉलेट से दो लाख रुपये मूल्य की क्रिप्टो करेंसी कुछ अकाउंट्स से होते हुए रूसी अकाउंट (Russian account) में ट्रांसफर करा दी गई। अब युवक अपनी करेंसी को हासिल करने के लिए यहां-वहां भटक रहा है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी वैध नहीं है। पिछले बजट में सरकार ने जरूर इससे होने वाली आय को आयकर के दायरे में लाकर पहली बार क्रिप्टो को लेकर कुछ नियम बनाए हैं। इसके बाद भी लोगों में क्रिप्टो के प्रति दीवानगी कम होने का नाम नहीं ले रही। यही कारण है कि वैध नहीं होने और अत्यधिक अस्थिर होने के बावजूद बिना मेहनत कमाई करने के लालच में ज्यादा से ज्यादा युवा क्रिप्टो में इन्वेस्ट कर रहे हैं।
नया मामला चौंकाने वाला है। इंदौर के एक युवक ने क्रिप्टो एक्सचेंज पर एक वॉलेट खोला था। लंबे समय से क्रिप्टो में निवेश कर रहा था। कुछ समय पहले उसने अपने लैपटॉप से दो लाख रुपये मूल्य की क्रिप्टो करेंसी को अपने ही दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर किया। प्रोसेस पूरी होने के बाद भी दूसरे वॉलेट में करेंसी नहीं पहुंची तो उसे चिंता हुई।
उसने जांच-पड़ताल की तो पता चला कि वॉलेट से दो लाख रुपये मूल्य की क्रिप्टो करेंसी हैकर्स का शिकार हो गई है। उसने क्रिप्टो कंपनी से जानकारी मांगी तो उन्होंने वायरस की जांच के लिए सॉफ्टवेयर भेजा। स्कैन करने पर उसमें वायरस के होने की पुष्टि हुई। इसी वायरस के जरिए हैकर्स ने यूजर के अकाउंट को हैक कर रखा था। उसने जो भी ट्रांजेक्शन किए, वह ट्रांसफर किसी रूसी कंपनी के अकाउंट में चले गए।
इंदौर में क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल ने बताया कि यह अपनी तरह का पहला मामला है। युवक को कंपनी से कोई राहत नहीं मिली तो उसने हमें शिकायत की। हमारी पड़ताल में भी पता चला कि वॉलेट में वायरस एक्टिव था और जो भी ट्रांजेक्शन वह करता, वह उसके बताए अकाउंट की जगह खुद-ब-खुद किसी थर्ड पार्टी में ट्रांजेक्शन हो जाता। जांच में पता चला कि साइबर अपराधियों ने उसके दो वॉलेट के बीच दो लाख रुपये के क्रिप्टो लेन-देन को एक वॉलेट में और उसके बाद दो अन्य वॉलेट में ट्रांसफर किया और फिर पूरा पैसा रूस में संचालित कंपनी को भेज दिया।
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