जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने मंदसौर के एक जज के साथ हुई अभद्रता के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायालयों, न्यायिक अधिकारियों व कर्मियों और परिसर की सुरक्षा संबंधी मामले को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया। चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने बिंदुवार सुरक्षा को लेकर सरकार को हलफनामें में ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये है। युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को निर्धारित की है। उल्लेखनीय है कि 23 जुलाई 2016 को न्यायिक अधिकारी राजवर्धन गुप्ता के साथ मंदसौर के राष्ट्रीय राजमार्ग पर अभ्रदता करके उनके साथ झूमाझटकी की गई थी। जिस पर हाईकोर्ट के तत्कालीन रजिस्ट्रार जनरल मनोहर ममतानी ने पहले प्रारंभिक जांच कराई। प्रारंभिक जांच, समाचार पत्र की संबंधित खबरों, वीडियो क्लिपिंग्स और अन्य साक्ष्यों से श्री गुप्ता पर हुए हमलों की पुष्टि होने पर रजिस्ट्रार जनरल ने पूरा मामला तत्कालीन एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन के समक्ष पेश किया था। पूर्व में दिए गए आदेशों के बाद भी इस तरह की घटना होने पर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे। मामले में हो रहीं सुनवाई दौरान सरकार की ओर से समय-समय पर सुरक्षा संबंधी उठाये गये कदमों पर स्टेट्स रिपोर्ट पेश की गई। मामले में आगे हुई सुनवाई पर न्यायालय ने सरकार को निम्न बिंदुओं पर हलफनामे के साथ ताजा स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को निर्धारित की है।
हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट
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