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    देश के एक भाग में मनाते हैं दो स्वतंत्रता दिवस, जानिए क्या है कारण

  • August 15, 2024

    नई दिल्ली। 15 अगस्त (August 15) 1947 की मध्यरात्रि को भारत (India) को ब्रिटिश शासन (British rule) से स्वतंत्रता (Freedom) प्राप्त हुई, तब भी गोवा औपनिवेशिक नियंत्रण में रहा। गोवा (Goa) भारत की स्वतंत्रता के चौदह वर्ष बाद, 19 दिसंबर 1961 तक पुर्तगाली उपनिवेश (Portuguese colonies) बना रहा। 1510 में पुर्तगाली क्षेत्र के रूप में स्थापित गोवा का औपनिवेशिक इतिहास भारत में ब्रिटिश उपस्थिति से लगभग एक शताब्दी पुराना है। गोवा में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस तो मनाया ही जाता है, इसके साथ ही 19 दिसंबर को मुक्ति दिवस के रूप में सेलीब्रेशन किया जाता है।


    भारत की संप्रभुता के बावजूद पुर्तगाल ने गोवा पर नियंत्रण छोड़ने से इनकार कर दिया था। 19वीं और 20वीं शताब्दी के मध्य में विभिन्न विद्रोहों और बगावत ने मुक्ति आंदोलन को बढ़ावा दिया, जिसका उद्देश्य पुर्तगालियों को बाहर निकालना था।

    कई असफल वार्ता प्रयासों के बाद, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सैन्य हस्तक्षेप को मंजूरी दे दी, जिसके परिणामस्वरूप गोवा का अंतत: भारत में एकीकरण हो गया और पुर्तगाली शासन का अंत हो गया। 18 दिसंबर, 1961 को भारत ने पुर्तगाली गोवा के खिलाफ सेना, नौसेना और वायु सेना की संयुक्त सैन्य कार्रवाई ‘आॅपरेशन विजय’ शुरू की, जिसकी रक्षा सिर्फ 3,300 पुर्तगाली सैनिकों ने की थी। दिन के अंत तक, पुर्तगाली गवर्नर-जनरल मैनुअल एंटोनियो वासालो-ए सिल्वा आत्मसमर्पण करने के लिए सहमत हो गए थे।

    अगली सुबह, 19 दिसंबर 1961 को, मेजर जनरल कैंडेथ ने सचिवालय पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस आॅपरेशन में सात युवा भारतीय नाविक और अन्य कर्मियों की जान चली गई, जिसे गोवा मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है।

    400 साल तक पुर्तगालियों ने किया राज
    बता दें कि पुर्तगालियों ने गोवा पर 400 साल तक राज किया था। भारत को आजादी मिलने के 14 साल बाद यानी 1961 में गोवा पुर्तगालियों की हुकूमत से स्वतंत्र हुआ था।

    इसलिए पुर्तगालियों के कब्‍जे में था गोवा
    साल 1510 में अल्फांसो द अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों ने गोवा पर हमला कर दिया था। जिसके बाद से गोवा राज्‍य पुर्तगालियों के कब्‍जे में रहा। यहां केवल इन लोगों की हुकूमत चलती थी।

    विफल रहे भारत के प्रयास
    आजादी के बाद भारत सरकार ने गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराने की बहुत कोशिश की, लेकिन उनकी हर कोशिश नाकाम रही। पुर्तगालियों ने हर बार भारत छोड़ने से इंकार कर दिया था। बताया जाता है कि यह फैसला उन्‍होंने भारत में अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए लिया था।

    बिजनेस में होता था प्रॉफिट
    बता दें कि गोवा राज्‍य मसालों के लिए फेमस है। इलायची, काली मिर्च और केसर जैसे मसाले यहां के बागानों में ही उगाए जाते हैं। इसलिए मसालों की दृष्टि से यह राज्‍य बहुत महत्‍वपूर्ण माना जाता है। मसालों के कारोबार में पुर्तगालियों को बहुत ज्‍यादा प्रॉफिट होता था। वे अपना नुकसान नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने लंबे वक्‍त तक गोवा पर अपना दबदबा बनाए रखा।

     

     

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