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    दो समूह की महिलाओं ने चप्पल उद्योग लगाकर आत्मनिर्भर हुईं 

  • September 30, 2021
    मुरैना ! मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (Madhya Pradesh State Rural Livelihood Mission) के मार्गदर्शन में सबलगढ़ विकासखण्ड के ग्राम जोरगड़ी में जय बजरंग स्व-सहायता समूह (Jai Bajrang Self Help Group in Jorgarhi) और बावडी़पुरा के महामाया स्व-सहायता समूह की 14-14 महिलाओं ने चप्पल उद्योग (sandal industry) लगाकर अपने आप में आत्मनिर्भर बन रहीं है। जय बजरंग स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती पिंकी, सचिव श्रीमती प्रियंका, महामाया स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती मायावती ने बताया कि दोंनो समूहों का गठन 2018 में मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा किया गया था। उस दिन से मन में एक ही चिन्ता सता रही थी कि ऐसा कोई रोजगार खोला जाये, जिससे  दोंनो समूह की 28 महिलाओं को रोजगार मिल सके।


    समूह में जुड़ने के बाद मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों ने प्रशिक्षण बतौर सभी महिलाओं को ट्रेनिंग दिलवाई। जिसमें छोटे-छोटे उद्योग जैसे- सिलाई सेन्टर, बीड़ी उद्योग, अगरबत्ती उद्योग, चप्पल बनाने का उद्योग, मास्क, पीपीई किट बनाने का प्रशिक्षण दिया। यूं तो बहुत समूह ट्रेनिंग में आये थे, हम दोंनो समूह ने चप्पल बनाने का उद्योग लगाने की बात दिमाग में बिठाई। श्रीमती पिंकी और श्रीमती मायावती ने जय बजरंग स्व-सहायता समूह और बावड़ी पुरा के महामाया स्व-सहायता समूह की राशि को एकत्रित कर बैंक में खाता खुलवा कर एक साल के अंदर दोंनो समूहों ने एक-एक लाख रूपये की राशि जमा की। उसे बाद  दोंनो समूह ने जयपुर से एक लाख रूपये की मशीन और एक लाख रूपये का कच्चा सामान खरीदा और मशीन लाकर सितम्बर 2020 में अपने गांव में लगा दी। मशीन से कार्य प्रारंभ हुआ। पहली खेप में 90 हजार रूपये की शुद्ध बचत हुई। अब हमारे मन में और लालसा आई, हमने कार्य तेजी से बढ़ाया। समूह की महिलायें सभी अपने कारोबार में लग गई। आज हमारे पास 20 हजार चप्पल जोड़ी तैयार हो चुकी है। धीरे-धीरे समूह की महिलायें मार्केटिंग पर जोर दे रहीं है। अब वे खुद को भी आत्मनिर्भर समझ रहीं है और घर-गृहस्थी में पति का सहयोग करने लगी है।

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