भोपाल। छिंदवाड़ा में पोल्ट्रीफार्म का व्यवसाय करने वाले दो शातिर बदमाशों ने भोपाल में कार्यालय खोला और आधा सैकड़ा से अधिक लोगों से निवेश के नाम पर अस्सी लाख की ठगी कर ली। अब जालसाज यहां से करोबार समेटकर फरार हो गए हैं। मामले की शिकायत आला अधिकारियों के पास की गई थी। जांच के बाद में बीती रात चूनाभट्टी पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है। एसआई सौरभ कुशवाह ने बताया कि 64 वर्षीय धनराज मेश्राम पिता स्व. महादेव मेश्राम कमला नगर के रहने वाले हैं। चूनाभट्टी थाने के रक्षा टॉवर में वर्ष 2018 में छिंदवाड़ा निवासी अमनदीप सिंह और रवि सूर्यवंशी ने यू-टू-विन बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कार्यालय खोला था। उक्त कंपनी पोल्ट्री फ ार्म का काम करती थी। लोगों से पैसे भी निवेश कराने का झांसा देती थी। आरोपियों ने धनराज मेश्राम सहित करीब आधा सैकड़ा से अधिक लोगों को कंपनी में निवेश के नाम पर झांसा दिया था। ठगों ने गरीब, मजदूर,मध्यमवर्गीय और शासकीय कर्मचारियों को ठगा है। आरोपियों ने कंपनी के नियम के अनुसार फ रियादियों से निवेश कराई गई मूल रकम की 80 फ ीसदी राशि का ग्यारह माह का चेक दे देते थे। इसके अलावा प्रति माह प्रतिदिन 0.5 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देने का झांसा दिया था। वर्ष 2018 में भोपाल के कई लोगों को ठगों ने हर माह प्रॉफि ट के नाम पर ब्याज दिया है। लोगों को ब्याज मिलना शुरू हुआ तो झांसे में आकर और अधिक रकम कंपनी में निवेश कर दी। इसी तरह पहले निवेश करने वाले लोगों ने घरवालों, परिचितों और रिश्तेदारों से भी बड़ी मात्रा में राशि निवेश कराई। इसके बाद में मौका पाकर रातों-रात दफ्तर खाली कर आरोपी फरार हो गए।
लॉक डाउन में बंद कर दिया कार्यालय
आरोपियों ने भोपाल के आधा सैकड़ा से अधिक लोगों से करीब 80 लाख रुपए से अधिक की राशि निवेश कराने के बाद जनवरी 2020 में लोगों को ब्याज का पैसा नहीं दिया। इसके बाद कंपनी के नियम और कुछ समस्याओं का हवाला देकर पैसे देने में आनाकानी करने लगे। मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद कंपनी का कार्यालय बंद कर दिया। फ रियादी जब भी पैसे के लिए फ ोन करते, लॉकडाउन का हवाला देकर चुप करा देते। फ रियादियों को विश्वास दिलाया था कि लॉकडाउन खुलने के बाद सभी का पूरा हिसाब किया जाएगा। लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद आरोपियों ने कंपनी के कार्यालय का सामान समेटकर चंपत हो गए। इसके बाद फ रियादियों ने चूनाभट्टी थाने से लेकर भोपाल के आला अधिकारियों और पुलिस मुख्यालय में शिकायत की थी। शिकायत जांच के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है।
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