उज्जैन। सिंहस्थ 2016 के दौरान इंदौर तथा उज्जैन के बीच चलने वाली बसों को देवासगेट बस स्टैण्ड से नानाखेड़ा बस स्टैण्ड पर शिफ्ट कर दिया गया था और यहीं से सवारी लाना ले जाना निर्धारित किया गया था लेकिन फिर भी देवासगेट बस स्टैण्ड से इंदौर की सवारियाँ बैठाई जा रही थी। इनके खिलाफ दो दिन पहले आरटीओ ने अभियान चलाया था। पिछले सिंहस्थ में जिला प्रशासन और आरटीओ ने मिलकर देवास, इंदौर तथा आंचलिक क्षेत्रों में संचालित होने वाली बसों के स्थान निर्धारित कर दिए थे। तब तय किया गया था कि देवासगेट बस स्टैण्ड से चल रही इंदौर और देवास की बसों का संचालन नानाखेड़ा बस स्टैण्ड से होगा। यह बसें वहीं से सवारी बैठाएंगी और वहीं छोड़ेंगी।
सिंहस्थ निपटने के बाद जब आरटीओ और यातायात पुलिस ने इस ओर ध्यान देना छोड़ दिया तो तभी से इंदौर और देवास की बसें नानाखेड़ा की बजाय देवासगेट बस स्टैण्ड आकर सवारियाँ ला रही थी और बैठा भी रही थी। तीन दिन पहले हुए सड़क हादसे के बाद आरटीओ और यातायात पुलिस ने मिलकर इसके खिलाफ अभियान चलाया था। दो दिन पहले आरटीओ ने संभागीय उडऩ दस्ते के साथ अल सुबह कार्रवाई की थी और देवासगेट बस स्टैण्ड से इंदौर की सवारी ले जा रही दो बसों को जब्त किया था। दावा किया गया था कि यह अभियान लगातार चलेगा। इधर इस अभियान का अभी तक कोई खास असर दिखाई नहीं दिया। आज सुबह भी देवासगेट बस स्टैण्ड क्षेत्र में कुछ बसों में इंदौर की सवारियों को बैठाया जा रहा था। इस बारे में आरटीओ संतोष मालवीय से चर्चा का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।