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    66 % राज्यों में दो दिन की वैक्सीन बची

  • May 11, 2021

     

    लड़ाई में ढिलाई… दवाई भी नहीं बनवाई…
    सीरम ने घुटने टेके… बायोटेक की भी बाय-बाय…
    पुणे। जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं… पूरे देश को सीख देने वाले देश के मुखिया खुद अब पढ़ाई भूल गए और कोरोना जैसी महामारी से लड़ते देश में सरकार ने लड़ाई में तो ढिलाई दिखाई ही, इस लड़ाई का हथियार बने टीके के निर्माण से भी नजरें फेर लीं, जिसका परिणाम यह है कि जिंदगी की उम्मीद बनी वैक्सीन (Vaccine) का पूरे देश में इस कदर टोटा पड़ा हुआ है कि 66 प्रतिशत राज्यों में केवल दो दिन की वैक्सीन (Vaccine)  बची है और सरकार वैक्सीन देने के बजाय राज्यों को उम्मीद के टीके लगा रही है… उधर वैक्सीन निर्माता सीरम ने साफ कह दिया है कि वह जुलाई से ही वैक्सीन दे पाएंगे और बायोटेक (Biotech) भी को-वैक्सीन (Co-vaccine) का उत्पादन पूरा नहीं कर पा रही है।


    आज से 6 माह पूर्व देश में कोरोना से लड़ाई की दो उम्मीदें कोविशील्ड (Covishield) औ को-वैक्सीन (Co-vaccine) के रूप में आई थीं… कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम और को-वैक्सीन बनाने वाली बायोटेक (Biotech) ने हर माह 9 करोड़ टीके बनाने का वादा किया था…भारत सरकार ने इस उम्मीद के टीके के लिए सीरम कंपनी से 400 करोड़ डॉलर का करार करते हुए हाथोहाथ 40 करोड़ डॉलर दे डाले…वहीं को-वैक्सीन से 210 करोड़ के करार करते हुए उसे भी 21 करोड़ डॉलर दिए…लेकिन सैकड़ों करोड़ों देकर भी सरकार वैक्सीन (Vaccine) के निर्माण और डिलीवरी पर ध्यान नहीं दे पाई और भारत सरकार से मिले पैसों से टीके के निर्माण में तेजी लाई सीरम कंपनी ने देश को जब तक 35 लाख टीके दिए, तब तक वह एक करोड़ 60 लाख डोज विदेशों में निर्यात कर चुका था। इतने टीके के निर्माण के बाद वैक्सीन उत्पादन के लिए लगने वाले रॉ मटेरियल (Raw Material)  की कमी होने लगी और निर्माण घटता गया। इसके कारण जिस सीरम कंपनी की निर्माण क्षमता डेढ़ करोड़ से ढाई करोड़ टीके हर महीने बनाने की थी वह घटकर 80 लाख टीके की रह गई। कंपनी को अब इन्हीं टीके में से उन देशों को भी सप्लाय करना है, जिनसे वह करार कर चुकी और भारत की जरूरत को भी पूरा करना है…उधर बायोटेक (Biotech) भी रॉ मटेरियल की कमी के चलते अपनी क्षमता के अनुसार टीका निर्माण नहीं कर पा रही है…सीरम के अदार पूनावाला ने कहा कि यदि उन्हें रॉ मटेरियल (Raw Material) ही उपलब्ध कराया जाए तब भी वह जुलाई माह तक 10 करोड़ डोज दे पाएंगे और देश की मांग के अनुरूप उत्पादन में कंपनी को 6 माह लगेंगे…


    इन रॉ मटेरियल का टोटा है टीका बनाने वाली कंपनी को
    सीरम कंपनी का कहना है कि वैक्सीन निर्माण के लिए तीन चीजों की कमी आ रही है… कंपनी को वैक्सीन (Vaccine) निर्माण के लिए लगने वाला रॉ मटेरियल (Raw Material) सेस कल्चर मीडिया, सिंगल यूज ट्यूबलीन और स्पेसलाइज केमिकल नहीं मिलने से वैक्सीन निर्माण में बाधा आ रही है।

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