उज्जैन। कार्तिक मेला मैदान में कल से दो दिवसीय डायबिटीज संस्था रिसर्च सोसायटी एंड स्टडीज का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन होने जा रहा है जिसमें फिजिशयन लोग शामिल होंगे। इस सम्मेलन में डायबिटीज के नुकसान और उससे बचाव के बारे में विचार किया जाएगा। आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. डॉ. विजय वर्ग ने बताया कि कार्तिक मेला मैदा में 15 और 16 अक्टूबर को देश की सबसे बड़ी डाईबिटीज संस्था रिसर्च सोसायटी एंड स्टडीज ऑफ डाईबिटीज इन इंडिया की प्रदेश इकाई का सम्मलेन होने जा रहा है। यह सम्मेलन 15 साल बाद हो रहा है जिसमें फिजिशियन लोग जुटेंगे। शहर में करीब 1 लाख लोग डाईबिटीज से ग्रसित हैं और पूरे भारतवर्ष में 6 से 7 करोड़ लोग इसके शिकार हैं। डाईबिटीज एक दीमक जैसी बीमारी है जो शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाती है। चार गुना ज्यादा दिल की बीमारी, 3 गुना ज्यादा लकवा, किडनी, पैरों की बीमारी और आँखों की बीमारी इसी की वजह से होती है। कई लोगों को यह मालूम नहीं पड़ता की उनको डाईबिटीज है और वह उनके शरीर को नुकसान पहुंचाती रहती है।
डॉ. गर्ग ने बताया नए अनुसंधानों से आप युवाओं में डाईबिटीज को अलविदा कर सकते हैं, साथ ही डायबिटीज को दिनचर्या परिवर्तन से सामान्य किया जा सकता है। इसलिए जरुरी है हर मनुष्य अपने रक्त में शक्कर की जाँच 40 वर्ष की उम्र के बाद प्रति वर्ष कराए। 15 वर्ष के पश्चात हर 5 साल में 1 बार शुगर की बीमारी से ग्रसित लोगों को अपना ब्लड प्रेशर, खून में चर्बी की मात्रा, अपना वजन नियंत्रित करना चाहिए एवं प्रतिदिन कसरत, योगा, ध्यान भी करना चाहिए, तंबाखू सिगरेट का बहिष्कार कर भी इससे बचाव होता है । आयोजन समिति के सचिव डॉ. आशीष शर्मा ने बताया भारत के प्रसिद्ध 6 पद्मश्री डॉ. शंशाक जोशी मुम्बई, डॉ. अनूप मिश्र दिल्ली, डॉ. वी मोहन चेन्नई, डॉ, वेंकट रमण अमेरिका, पदमश्री डॉ. मनचंदा के साथ ही उक्तरक्त चाप विशेषज्ञ डॉ. मुनथान त्रिचूर एवं डॉ. मक्कर दिल्ली मुख्य रूप से शामिल होंगे। राज्य के पीजी छात्र अपना शोध पत्र एवं पोस्टर का विमोचन करेंगे साथ ही सर्वोत्तम छात्र को पुरुस्कृत भी किया जाएगा। आयोजयन समिति के कोषाध्यक्ष डॉ. विमलेश पाटीदार ने बताया कि नगर के डॉक्टर तो भाग लेंगे। संभाग के भी करीब 180 डॉक्टर एवं प्रदेश के करीब 70 डॉ. हिस्सा लेंगे। ईस प्रकार इस सम्मलेन में करीब 300 से 325 डॉ. हिस्सा लेंगे। सम्मलेन का उद्घाटन कल दोपहर 2 बजे होगा।