महिदपुर। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित कृषि अमृत महोत्सव के अन्तर्गत भारत में सतत् कृषि विकास की स्थिति: चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर स्थानीय शासकीय महाविद्यालय, महिदपुर, जिला उज्जैन के अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. सुनील कुमार चौधरी के संयोजकत्व में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 24-25 फरवरी को आयोजित किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ इसमें सारस्वत अतिथि प्रो. प्रशांत पुराणिक, कुलसचिव, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, विशेष अतिथि विमल मेहता, जनभागीदारी अध्यक्ष, विशिष्ट अतिथि आर. सी. ठाकुर, निदेशक, अश्विनी शोध संस्थान, महिदपुर, बीज वक्ता डॉ. सतेन्द्र किशोर मिश्रा, विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र अध्यनशला, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, अध्यक्षता, प्रो गिरीश मोहन दुबे, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर रहे।
संगोष्ठी के शुभारंभ पर महाविद्यालय की छात्रा ईशा सांगते के दल ने सरस्वती वंदना एवं पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय के डॉ. पुष्पेन्द्र जोशी एवं चयन पाण्डेय द्वारा मंगलाचरण गायन ने वातावरण को अकादमिक कार्य के लिए अनुकूलता प्रदान की। संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन संयोजक डॉ. सुनील कुमार चैधरी ने करते हुए संगोष्ठी की भूमिका और उद्देश्यों पर सभी विषय विशेषज्ञों का ध्यान केंद्रित करते हुए सतत् कृषि विकास के प्रमुख चरणों को रेखांकित किया। कार्यक्रम का संचालन संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ. प्रभाकर मिश्रा द्वारा किया गया। समापन सत्र का संचालन डॉ. जाकिरउद्दीन अहिंगर के द्वारा किया गया। समापन सत्र में प्रो. सुमन जैन ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। इसी सत्र में उनके द्वारा रचित पुस्तक अंतस की ओर का विमोचन भी किया गया। आभार डॉ. रीना अध्वर्यु ने माना।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved