देहरादून। उत्तराखंड की एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस टीम ने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (केबीसी) की आड़ में लोगों को लॉटरी का प्रलोभन देकर ठगी करने वाले दो साइबर ठगों को तमिलनाडु के तिरुवेनवेली से गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार सेना में हवलदार पद पर कार्यरत एक जवान को साइबर ठगों ने ह्वाट्सएप पर ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में 25 लाख रुपये की लॉटरी जीतने का संदेश भेजा। यह राशि प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन और बैंक शुल्क तथा इनकम टैक्स आदि के नाम पर ठगों ने विभिन्न बैंक खातों में धोखाधड़ी कर करीब 7 लाख रुपये जमा करवाए।
शिकायत मिलने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर इस मामले की जांच साइबर थाने के निरीक्षक पंकज पोखरियाल को सौंपी और जांच पड़ताल के एक टीम का गठन किया। इस टीम में उप निरीक्षक राजीव सेमवाल, मुख्य आरक्षी सुरेश कुमार और आरक्षी श्रवण कुमार को भी रखा गया। विवेचना के दौरान ठगों द्वारा प्रयुक्त मोबाइल नम्बरों और बैंक खातों का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि जिन नम्बरों से ह्वाट्सएप काल की गई थी, वे कर्नाटक और बिहार सर्किल के थे और पाकिस्तान के आईपी एड्रेस का प्रयोग किया गया था। इसी तरह ठगों ने तमिलनाडु, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात आदि राज्यों के पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक के कुल 14 बैंक खातों का प्रयोग करते हुए धोखाधड़ी से 7 लाख रुपये जमा कराए।
इन बैंक खातों की स्टेटमेंट चेक करने पर पता चला कि तिरुवेनवेली (तमिलनाडु) स्थित पंजाब नेशनल बैंक के खाते में अप्रैल से अगस्त 2020 के दौरान करीब 4 लाख, मदुरै (तमिलनाडु) स्थित भारतीय स्टेट बैंक के खाते में तीन माह में करीब एक लाख रुपये, कानपुर (उप्र) के पंजाब नेशनल बैंक के खाते में तीन माह में करीब 10 लाख रुपये, इलाहाबाद स्थित भारतीय स्टेट बैंक के खाते में जनवरी से मार्च तक 11.60 लाख रुपये से अधिक, जौनपुर (उप्र) के भारतीय स्टेट बैंक खाते में दो लाख रुपये, गोपालगंज (बिहार) स्थित भारतीय स्टेट बैंक के खाते में 12.30 लाख से अधिक और एक अन्य खाते में 12 लाख से अधिक, सिलीगुड़ी (असम) स्थित भारतीय स्टेट बैंक के खाते में 3.40 लाख से अधिक का लेन-देन पाया गया। इसी प्रकार कुछ अन्य खातों में भी लेन-देन पाया गया। इस तरह इन बैंक खातों में 3 माह में ही एक करोड़ से अधिक की धनराशि का लेन-देन होना पाया गया।
इंस्पेक्टर पंकज पोखरियाल के नेतृत्व में एक पुलिस टीम दिल्ली, कर्नाटक और तमिलनाडु भी भेजी गई, जिसने वल्लिन्यागम और पी. जॉनसन को तिरुवेनवेली से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में इन दोनों ने बताया कि वे एक जानीमानी कम्पनी के डीलर हैं और उनका सम्पर्क श्रीलंका और दुबई में उसी कम्पनी के बड़े डीलरों से भी है। ये डीलर ही लॉटरी जीतने के प्रलोभन देकर धोखाधड़ी करते हैं तथा धनराशि जमा करने के लिए साइबर अपराधी तथा अपने देश भर में फैले अन्य साइबर ठगों के बैंक एकाउंट डीलरों को उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने बताया कि उपलब्ध कराए गए बैंक खातों में जब धोखाधड़ी की धनराशि आती है तो वे उसमें से 3 से 5 प्रतिशत तक कमीशन काटकर शेष रकम श्रीलंका और दुबई के कम्पनी डीलरों की आईडी पर रिचार्ज के माध्यम से भेज देते हैं। इस तरह ये लोग 5-6 साल से काम कर रहे थे और इस दौरान तकरीबन 10 से 12 करोड़ रुपये की ठगी करने का अनुमान है।
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