नई दिल्ली । बाजार में उपलब्ध एक तीखी चटनी(Spicy sauce) पर देश की दो दिग्गज कंपनियां(two big companies of the country) आमने-सामने आ गई हैं और मामला हाई कोर्ट(high court case) तक जा पहुंचा है। दरअसल, टाटा ग्रुप की कंपनी कैपिटल फूड्स ने दावा किया है कि ‘चिंग्स शेजवान चटनी’ उसका ब्रांड है और उसने इसका ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन भी करा रखा है, बावजूद इसके डाबर भी अपने उत्पाद को इसी नाम से बेच रहा है। टाटा ग्रुप की इस शिकायती अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अब डाबर इंडिया को नोटिस जारी किया है।
कैपिटल फूड्स लिमिटेड बनाम डाबर इंडिया लिमिटेड की कानूनी लड़ाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को टाटा समूह के स्वामित्व वाली कैपिटल फूड्स द्वारा रजस्टर्ड ट्रेडमार्क ‘शेजवान चटनी’ का उपयोग करने के खिलाफ दायर याचिका पर डाबर इंडिया लिमिटेड को नोटिस जारी किया है। कैपिटल फूड बाजार में ‘चिंग्स शेजवान चटनी’ के रूप में इसकी बिक्री करता है। जस्टिस मिनी पुष्करना ने मामले की अगली सुनवाई फरवरी के अंतिम सप्ताह में तय की है।
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डाबर ने भी अक्टूबर 2024 में ट्रेडमार्क रजिस्ट्री से ‘शेजवान चटनी’ का रजिस्ट्रेशन रद्द कराने के लिए याचिका दायर कर रखी है। इस मामले की सुनवाई 5 फरवरी को होगी। उधर, कैपिटल फूड्स ने दावा किया कि उसने अपने ट्रेडमार्क ‘चिंग्स शेजवान चटनी’ को प्रमोट करने और उसकी ब्रांडिंग में भारी निवेश किया है। इस वजह से बाजार में उसकी एक पहचान बन चुकी है और मान्यता मिली हुई है।
कंपनी ने आगे तर्क दिया कि कैपिटल फूड्स के पास अपने उत्पादों के अनूठे डिजाइनों का कॉपीराइट भी है और उसने अपने ट्रेडमार्क का दुरुपयोग करने वाले पक्षों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है। इसने दावा किया कि अदालत ने भी शेजवान चटनी चिह्न के महत्व को मान्यता दी है। इसने तर्क दिया है कि जब उपभोक्ता शेजवान चटनी नामक उत्पाद देखते हैं, तो वे स्वतः ही चिंग्स शेजवान चटनी से जुड़ जाते हैं और इसलिए, उन्होंने डाबर द्वारा इस नाम का उपयोग करने पर आपत्ति जताई। कैपिटल फूड की याचिका में कहा गया है कि डाबर ने भी अपने उत्पाद इसी नाम यानी शेजवान चटनी के नाम से उतारा है जो गलत है।
बता दें कि डाबर ने’शेजवान 2024′ नाम से अपने उत्पाद की बिक्री शुरू की है, जिसके कारण यह कानूनी विवाद उत्पन्न हुआ है। कैपिटल फूड्स के अनुसार, डाबर की पैकेजिंग पर शेजवान चटनी बड़े अक्षरों में लिखा है, जबकि उनके अपने ब्रांड नाम को कम करके दिखाया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को यह भ्रम हो रहा है कि उनका उत्पाद कैपिटल फूड्स से जुड़ा हुआ है या उसका समर्थन कैपिटल फूड्स करता है। कैपिटल फूड्स के अनुसार, ट्रेडमार्क का यह दुरुपयोग बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन है।
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