
नई दिल्ली। अपने घर का सपना (Dream your own home) हर कोई देखता है लेकिन इसे साकार करना इतना आसान नहीं होता है। आपके इस सपने को साकार करने में अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Centre, Narendra Modi Government) भी मदद कर रही है। दरअसल, मोदी सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (Pradhan Mantri Awas Yojana-Urban.- PMAY-U) की शुरुआत की थी। इस योजना के दूसरे एडिशन PMAY-U 2.0 की भी शुरुआत हो चुकी है। इसे शहरी क्षेत्रों में किफायती लागत पर घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने के लिए शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
योजना को चार चरणों में क्रियान्वित किया जाता है।
1. लाभार्थी आधारित निर्माण (BLC)
2. भागीदारी में किफायती आवास (AHP)
3. किफायती किराये का आवास (ARH)
4. ब्याज सब्सिडी योजना (ISS)
लाभार्थी राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों/यूएलबी/पीएलआई की सहायता से या पीएमएवाई-यू 2.0 के एकीकृत वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन जमा करके योजना के चार कैटेगरी में से किसी एक का चयन कर सकते हैं। हम आपको इन कैटेगरी में से एक- ब्याज सब्सिडी योजना के बारे में बता रहे हैं।
ब्याज सब्सिडी योजना
इसके तहत, ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी परिवारों के लिए 25 लाख रुपये तक के होम लोन पर 4% ब्याज सब्सिडी प्रोवाइड की जाती है। यह सब्सिडी पांच वार्षिक किस्तों में प्रदान की जाएगी, जिसमें अधिकतम सब्सिडी 1.80 लाख रुपये होती है।
किस तरह के होंगे मकान
पीएमएवाई-यू 2.0 के अंतर्गत एक नए पक्के घर में कम से कम 2 कमरे, रसोईघर और एक शौचालय/स्नानघर होगा। इस तरह के पक्के घर में अनिवार्य रूप से बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली और पानी का कनेक्शन होगा।
कमाई के हिसाब से कैटेगरी
योजना के तहत EWS कैटेगरी को 3 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के रूप में परिभाषित किया गया है। EWS से मतलब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए है। वहीं, निम्न आय समूह को LIG कैटेगरी में रखा गया है। इस कैटेगरी की 3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के रूप में पहचान है। मध्यम आय वर्ग (MIG) को 6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के रूप में परिभाषित किया गया है।
8वें वेतन आयोग पर बड़ा अपडेट
बीते जनवरी महीने में सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) के गठन का ऐलान किया था। हालांकि, नए वेतन आयोग की समिति को लेकर किसी तरह की घोषणा नहीं की गई। केंद्रीय कर्मचारियों को इस पूरी प्रक्रिया में तेजी का इंतजार है। अब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग को लेकर एक बड़ा अपडेट है।
क्या है अपडेट
एक खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि केंद्र ने 8वें वेतन आयोग के संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार टीओआर को दो से तीन सप्ताह में अधिसूचित कर दिया जाएगा और पैनल के अध्यक्ष और सदस्यों के नाम भी साथ ही घोषित कर दिए जाएंगे।
कब तक आएगी रिपोर्ट
आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कम से कम एक वर्ष का समय दिया जा सकता है। ऐसे में रिपोर्ट 2026 की पहली छमाही तक सरकार को सौंपी जा सकती है। हालांकि, वेतन/पेंशन संशोधन 1 जनवरी, 2026 से पूर्वव्यापी रूप से किए जाएंगे और कर्मचारियों को बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।
सातवें वेतन आयोग के बारे में
बता दें कि केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) की स्थापना दशक में एक बार की जाती है। बीते सातवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन 28 फरवरी, 2014 को हुआ था। इसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर ने की थी और इसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया था। एक जनवरी, 2016 को लागू किए गए 7वें केंद्रीय वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन (वेतन और भत्ते) में 23.55% की वृद्धि और पेंशन में भी इतनी ही वृद्धि की। बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के तौर पर बेसिक सैलरी का 55 फीसदी मिल रहा है। सरकार इस भत्ते को साल में दो बार बढ़ाती है।
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