नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय(Union Ministry of Electronics and Information Technology) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social media platform) ‘कू’ पर एक बयान जारी कर ट्विटर (Twitter) के बयान की आलोचना की है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय(Union Ministry of Electronics and Information Technology) ने कहा कि ट्विटर (Twitter) का बयान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने की कोशिश है।
सरकार ने कहा कि ट्विटर (Twitter) उन नियमों का पालन करने से इनकार कर रहा है, जिनके आधार पर वह भारत में किसी भी आपराधिक जिम्मेदारी को लेने से बचता है। भारत(India) में अभिव्यक्ति की आजादी (Freedom of expression)की गौरवशाली परंपरा है और वह सदियों से इस परंपरा का पालन कर रहा है। भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of expression) की रक्षा करना केवल ट्विटर जैसी निजी, लाभकारी, विदेशी संस्था का विशेषाधिकार नहीं है।
इस बीच, सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के डिजिटल मीडिया विभाग ने डिजिटल मीडिया के प्रकाशकों को सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के नियम 18 के तहत जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा है। लगभग 60 डिजिटल मीडिया प्रकाशकों और उनके संघों ने मंत्रालय को सूचित किया है कि उन्होंने नियम के तहत स्व-नियामक निकायों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।प्रकाशकों को इस नोटिस के जारी होने के 15 दिनों के भीतर लागू प्रारूप में मंत्रालय को सूचना देनी होगी। उन्हें बताना होगा कि नए नियमों व गाइडलाइन के पालन के लिए उनके द्वारा अब तक क्या कदम उठाए गए।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 25 फरवरी को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की और नियमों को सख्त किया था। इसके बाद सरकार ने फेसबुक, ट्विटर, जैसी सोशल मीडिया कंपनियों को इन्हें लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया था। इसके बाद 25 मई से केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन अमल में आ गई है।
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