इंदौर, राजेश ज्वेल। नगर निगम ने पिछले दिनों जहां अतिक्रमण और अवैध निर्माणों को तोड़ा, वहीं आवासीय अनुमतियों पर शहरभर में बन रहे पूर्ण व्यावसायिक निर्माणों-इमारतों पर भी अब कार्रवाई शुरू की है। इसी कड़ी में एबी रोड पर सत्यसांई चौराहा पर स्थित हेडक्वार्टर और उसी के पीछे योजना क्र. 54 विजय नगर पर निर्मित ट्वीन टॉवर के लिए जारी किए गए कार्यपूर्णता एवं अधिभोग प्रमाण-पत्र को निरस्त कर दिया है और अगर व्यावसायिक गतिविधियां बंद नहीं की गईं तो इन इमारतों की भवन अनुज्ञा भी निरस्त की जाएंगी।
पिछले कई समय से भवन अनुज्ञा से जुड़े मुख्य नगर निवेशक विष्णु खरे पर भी आयुक्त ने गाज गिराई, साथ ही उन्होंने खरीदारों और किराये पर जगह लेने वालों को भी समझाइश दी कि वे नगर निगम से मंजूर नक्शे की विधिवत पड़ताल करें और उसके बाद ही कोई सम्पत्ति खरीदें, अन्यथा उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। आयुक्त इस संबंध में विधिवत आदेश भी जारी करने जा रही हैं। इंदौर विकास प्राधिकरण के ही आवासीय भूखंडों पर बड़ी संख्या में व्यावसायिक निर्माण हो चुके हैं, तो यही स्थिति हाउसिंग बोर्ड की भी है, वहीं निगम ने जारी की गई अनुमतियों को निरस्त करना शुरू कर दिया है।
इसके अलावा शहर में विभिन्न क्षेत्रों में भी आवासीय भूखंडों पर नगर निगम से जो आवासीय अनुमति मिलती है, उसके विपरीत 100 फीसदी व्यावसायिक इमारतों के निर्माण कर लिए गए। पिछले दिनों चंद्र नगर चौराहा पर बनी इमारत पार्क लेन का भी मामला सामने आया। इसी तरह सत्यसांई पर हेडक्वार्टर इमारत भी निर्मित की गई। पूर्व में प्राधिकरण ने नोटिस की कार्रवाई की थी और अब निगम की भवन अधिकारी झोन क्र. 7 ने कार्यपूर्णता व अधिभोग प्रमाण-पत्र निरस्त किए जाने का आदेश जारी किया है। भूखंड क्र. 128 एबी रोड पर पलाश पिता विजय गुप्ता और हर्षजीत को भवन अनुज्ञा दी गई थी, मगर निगम की जांच में पता चला कि प्रथम, द्वितीय और तृतीय तथा चतुर्थ मंजिलों पर पूर्ण रूप से व्यावसायिक निर्माण और गतिविधियां चल रही हैं।
यहां तक कि भवन अनुज्ञा अनुसार आवासीय क्षेत्र दर्शाते हुए 13 दिसंबर 2021 को अधिक निर्माण की कम्पाउंडिंग भी करवाई गई, लेकिन व्यावसायिक उपयोग बंद नहीं किया गया। लिहाजा अब चेतावनी दी गई कि व्यावसायिक गतिविधियां अगर बंद नहीं की गई तो भवन अनुज्ञा भी निरस्त कर दी जाएगी। इसी तरह भूखंड क्र. 129 एबी, योजना क्र. 54 पर बने ट्वीन टॉवर का भी कार्यपूर्णता और अधिभार प्रमाण-पत्र नगर निगम ने निरस्त कर दिया। मुकेश राधेश्याम अग्रवाल, श्रीमती सुनीता, दिवेश और परेश अग्रवाल के नाम से निगम ने आवासीय सहवाणिज्यिक मंजूरी दी थी। नीचे दुकान-ऊपर मकान का प्रावधान किया गया, लेकिन यहां पर भी चारों मंजिलों पर पूर्ण रूप से व्यावसायिक निर्माण किया गया। उक्त टॉवर की भी आवासीय अनुमति के आधार पर कम्पाउंडिंग करवाई गई, लेकिन बाद में उपयोग परिवर्तन न करते हुए शर्तों का उल्लंघन किया गया। पूर्व में निगम ने चार अप्रैल को नोटिस जारी किए थे। मगर उसका भी गोलमोल जवाब दिया गया। आयुक्त प्रतिभा पाल ने अब ऐसे निर्माणों पर सख्त कार्रवाई शुरू करवाई है।
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