डेस्क। अगर आप TV, फ्रिज, AC या लैपटॉप खरीदने का सोच रहे हैं तो इसी महीने खरीद लीजिए क्योंकि अगले महीने से इन सभी के दाम बढ़ने वाले हैं. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कंपनियां लागत बढ़ने की वजह से अपने प्रोडक्ट के दाम भी बढ़ाएंगी. कंपनियों का कहना है कि कमोडिटी की लगातार बढ़ती कीमतें और जरूरी कंपोनेंट की कमी के चलते उन पर बोझ पड़ रहा है, जिसे ग्राहकों पर डाला जाएगा. वर्क फ्रॉम होम कल्चर और ऑनलाइन स्कूल की वजह से लैपटॉप की कीमतों में भी जबरदस्त बढ़ोतरी जारी है, 2 महीने के लॉकडाउन के बाद एक बार फिर रिटेलर्स ने दुकानें खोली हैं, इसलिए ग्राहकों के पास भारी भरकम डिस्काउंट का विकल्प भी कम ही होगा.
इस साल जनवरी की शुरुआत से ही TV, फ्रिज, AC और लैपटॉप जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल आइटम्स की कीमतें बढ़ रही हैं. इसके बाद अगले महीने से कंपनियां फिर 10 परसेंट तक कीमतें बढ़ाने की तैयारी में हैं. कीमतें बढ़ाने के पीछे कंपनियां कई वजहें गिना रही हैं. जैसे, माइक्रोप्रोसेर और पैनल जैसे जरूरी कंपोनेंट की कमी, कच्चे माल और मेटल में कॉपर की कीमतों में बढ़ोतरी. इसके अलावा पार्ट पुर्जों पर इम्पोर्ट की निर्भरता कम करने के लिए कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी की वजह से भी पिछले कुछ महीनों से कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्ट्स के दाम बढ़े हैं.
विजय सेल्स के MD नीलेश गुप्ता का कहना है कि कीमतें तो आगे भी बढ़ती रहेंगी क्योंकि पैनल की कमी है, टीवी की कीमतें तो ज्यादा बढ़ेंगी. इधर लगातार दो सालों से लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं और बच्चे ऑनलाइन क्लासेज के लिए लैपटॉप से चिपके हुए हैं. यही वजह है कि लैपटॉप की भारी डिमांड है और कीमतें भी 5-7 परसेंट तक बढ़ चुकी हैं और अगले महीने से इसमें और बढ़ोतरी तय है. कंपनियों का कहना है कि लैपटॉप की डिमांड ज्यादा है, लेकिन प्रोसेसर की सप्लाई कम, ऐसे में दाम तो बढ़ते ही रहेंगे.
दो महीनों के कड़े लॉकडाउन के बाद रिटेलर्स की दुकानें खुलना शुरू हुई हैं. अबतक डिमांड नहीं थी अब इसमें बढ़ोतरी दिख रही है, लेकिन ज्यादा कारोबार अब भी नहीं हो रहा है. कंपनियों के पास स्टॉक पर्याप्त है, अगले दो तीन महीने खरीदारी कम रहेगी, इसलिए रिटेलर्स अनलॉक के बाद ज्यादा डिस्काउंट वगैरह पर फोकस नहीं कर रहे हैं. यानी कंज्यूमर को ज्यादा कीमत चुकाकर ही प्रोडक्ट खरीदने होंगे.
दो महीनों के कड़े लॉकडाउन के बाद रिटेलर्स की दुकानें खुलना शुरू हुई हैं. अबतक डिमांड नहीं थी अब इसमें बढ़ोतरी दिख रही है, लेकिन ज्यादा कारोबार अब भी नहीं हो रहा है. कंपनियों के पास स्टॉक पर्याप्त है, अगले दो तीन महीने खरीदारी कम रहेगी, इसलिए रिटेलर्स अनलॉक के बाद ज्यादा डिस्काउंट वगैरह पर फोकस नहीं कर रहे हैं. यानी कंज्यूमर को ज्यादा कीमत चुकाकर ही प्रोडक्ट खरीदने होंगे.
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के CEO कुमार राजगोपालन का कहना है कि इतने लंबे लॉकडाउन के बाद रिटेलर्स तो अभी दुकान खोल रहे हैं, रणनीति बनाने पर फैसला बाद में होगा. कीमतों में ये बढ़ोतरी और भी अधिक हो सकती थी, लेकिन इस साल सरकार ने एनर्जी एफिशिएंसी के नियमों में थोड़ी रियायत दे दी है, कंपनियों का दावा है कि बढ़ी लागत का कुछ भार वो खुद उठा रही हैं जबकि कुछ हिस्सा ग्राहकों पर डाला जा रहा है.
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