यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, रिवरसाइड के वैज्ञानिकों द्वारा की गई नई स्टडी में बताया गया है कि हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन नाम का कम्पाउंड आर्टिफिशियल ब्लड वेसल और टिशूज के विकास में फायदेमंद होता है. करक्यूमिन में इंफ्लेमेशन और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. ये कैंसर ट्यूमर में एंजियोजेनेसिस (वाहिका जनन) को कम करने के लिए जाना जाता है.
हल्दी के औषधीय गुणों (medicinal properties) के बारे में तो काफी बातें सामने आ चुकी हैं. अब यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, रिवरसाइड के रिसर्चर्स द्वारा की गई नई स्टडी में बताया गया है कि हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन नाम का कम्पाउंड आर्टिफिशियल ब्लड वेसल (artificial blood vessel) और टिशूज के विकास में फायदेमंद होता है. इस स्टडी का निष्कर्ष एसीएस अप्लाइड मटीरियल्स एंड इंटरफेसेस जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इस स्टडी से संकेत मिलता है कि यूसी रिवरसाइड के बायोइंजीनियर जल्द ही लैब में ब्लड वेसल और अन्य टिशूज डेवलप कर लेंगे, जो इंसान में डैमेज टिशूज को बदलने या पुनर्जीवित (रिवाइव्ड) करने में काम आएगा. करक्यूमिन में इंफ्लेमेशन (curcumin inflammation) यानी सूजन या जलन रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. ये कैंसर ट्यूमर में एंजियोजेनेसिस (वाहिका जनन) को कम करने के लिए जाना जाता है, लेकिन करक्यूमिन कोटेड नैनोपार्टिकल्स युक्त मैग्नेटिक हाइड्रोजेल वस्कुलर एंडोथेलियल के विकास को बढ़ावा देने वाले स्राव (सिक्रीशन) को बढ़ाता है. दरअसल, वस्कुलर रिजेनरेशन में करक्यूमिन के यूज की संभावना पहले ही जताई जा रही थी, लेकिन उसके बारे में कोई ठोस स्टडी नहीं हुई थी.
कैसे हुई स्टडी
इसके लिए इस कंपाउंड पर मैग्नेटिक आयरन ऑक्साइड (Magnetic Iron Oxide) की परत चढ़ाकर उसे बायोलॉजिकल हाईड्रोजेल के अनुकूल बनाया गया. रिसर्चर्स ने इस बात की भी पड़ताल की है कि क्या नैनोपार्टिकल्स मैग्नेटिज्म से नैनोपार्टिकल्स को शरीर के अंदर वांछित स्थान पर पहुंचाने के लिए निर्देशित किया जा सकता है.
इस क्रम में उन्होंने सूअर के ताजे टिशूज के पीछे एक ट्यूब के जरिए करक्यूमिन कोटेड नैनोपार्टिकल्स को पहुंचाया और उसके मूवमेंट को एक चुंबक के जरिए को सफलतापूर्वक निर्देशित किया. इस प्रयोग से ये संभावना जगी है कि इस विधि का इस्तेमाल डैमेज टिशूज को ट्रीट करने या वहां से उन टिशूज के पुनर्जनन में मदद के लिए वांछित स्थान पर पहुंचाया जा सकता है.
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