अंकारा: तुर्की (Turkish) के राष्ट्रपति (President) रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने इजरायली (Israel) पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (PM Benjamin Netanyahu) की गाजा (Gaza) युद्ध ( war) को लेकर कड़ी आलोचना की है। एर्दोगन ने नेतन्याहू को ‘गाजा का कसाई’ (‘The Butcher of Gaza’) करार दिया है। आम लोगों पर सैन्य आक्रामकता और क्रूरता का जिक्र करते हुए एर्दोगन ने इजरायली प्रधानमंत्री ये लिए ये बात कही है। इस्तांबुल में अल-कुद्स (यरूशलम) के सांसदों की लीग को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि नेतन्याहू ने गाजा के कसाई के रूप में इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है।
एर्दोगन ने कहा, गाजा में जो हो रहा है, वह मानवता के खिलाफ है और कत्लेआम है। हम इसका विरोध करेंगे क्योंकि कोई भी हमसे नरसंहार के सामने चुप रहने की उम्मीद नहीं कर सकता। उन्होंने इस बात को भी दोहराया कि तुर्की पूर्वी यरुशलम को राजधानी बनाकर एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीनी स्टेट की स्थापना के लिए अपने प्रयास जारी रखेगा। एर्दोगन लगातार इजरायल पर हमलावर हैं। उन्होंने हाल ही में हमास चीफ इस्माइल हानिया से भी इस्तांबुल में मुलाकात की थी।
हमास की गाजा में स्थायी सीजफायर की मांग
इस बीच हमास ने अमेरिका सहित 18 देशों के पत्र का जवाब दिया है, जिसमें इजरायली बंदियों की रिहाई का आह्वान किया गया था। हमास ने पत्र के जवाब में कहा कि इस चिट्ठी में गाजा में लोगों के सामने आने वाले बुनियादी मुद्दों को संबोधित नहीं किया गया है। ये पत्र गाजा में स्थायी युद्धविराम की आवश्यकता और इजरायली सैनिकों की पूर्ण वापसी पर जोर नहीं देता। जिन देशों ने हमास को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, माना जाता है कि उन सभी देशों के नागरिक अभी भी गाजा में बंदी हैं। हस्ताक्षरकर्ताओं में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, कोलंबिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, सर्बिया, स्पेन, थाईलैंड, यूके और अमेरिका शामिल हैं।
हमास ने कहा है कि वह एक समझौते के ढांचे के भीतर इजरायली बंदियों को रिहा करने के बारे में गंभीर है। उसकी मांग इजराइली जेलों में बंद हजारों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा में स्थायी युद्ध विराम है। हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य खलील अलहया ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में अल जजीरा अरबी को बताया कि गाजा में युद्ध को समाप्त करने के लिए वह इजरायल से समझौता चाहते हैं लेकिन ये तभी होगा जब स्थायी युद्धविराम सहित उनकी शर्तें पूरी की जाती हैं। हमास ने कहा कि वह फिलिस्तीनियों के अधिकारों को ध्यान में रखने वाले किसी भी प्रस्ताव के लिए खुला है।
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