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    186 करोड़ में तुर्की की कम्पनी को मिला इंदौर-भोपाल मेट्रो के ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन का ठेका

  • March 27, 2024

    • पूर्व में एसबीआई ने भी सिंगल टेंडर भरा था जो नामंजूर हुआ, दूसरी बार बुलाए टेंडर में तीन कम्पनियों के बीच रही प्रतिस्पर्धा

    इंदौर। पिछले दिनों इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम के लिए दूसरी बार टेंडर बुलाए गए थे, जिसमें तीन कम्पनियों ने हिस्सा लिया, जिनमें तुर्की की एसिक्स इलेक्ट्रॉनिक ने बाजी मारी और 186.52 करोड़ रुपए का ठेका हासिल किया है। पूर्व में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम के लिए सिंगल टेंडर भरा था, जो नामंजूर हो गया। मेट्रो कॉर्पोरेशन ने इस ठेके की अनुमानित कीमत 230 करोड़ रुपए आंकी थी, मगर तुर्की की कम्पनी ने उससे लगभग 50 करोड़ रुपए कम का प्रस्ताव दिया है। वहीं दूसरी बार जो टेंडर बुलाए गए उसमें भी सबसे कम दर तुर्की की कम्पनी की ही रही। यह कम्पनी मेट्रो प्रोजेक्ट में फेयर कलेक्शन, यानी किराया लेने की पूरी प्रणाली तैयार करेगी, जो सभी स्टेशनों पर अमल में लाई जाएगी।

    इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए जो एलिवेटेड कॉरिडोर का काम चल रहा है उसमें रोबोट चौराहा से पलासिया तक का ठेका भी 545 करोड़ में रेल विकास निगम और यूआरसी कंस्ट्रक्शन कम्पनी को सौंपा गया है। वहीं मध्य क्षेत्र में अंडरग्राउंड कॉरिडोर के लिए सर्वे की प्रक्रिया जारी है। उसके पश्चात टेंडर बुलाए जाएंगे। वहीं ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम के लिए तीन कम्पनियों ने अपने प्रस्ताव मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को सौंपे थे, जिसमें 230 करोड़ रुपए तक का अनुमानित ठेका माना गया। यह काम पीपीपी मॉडल पर होगा। पूर्व में एसबीआई ने इस सिस्टम के लिए सिंगल टेंडर भरा था, जो मंजूर नहीं हुआ और नए सिरे से कॉर्पोरेशन ने टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की।


    वहीं ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम के लिए तीन कम्पनियों ने प्रस्ताव सौंपे, जिनमें एसिस इलेक्ट्रॉनिक ब्लिसिम सिस्टमेलेरी कम्पनी के अलावा एनईसी कॉर्पोरेशन इंडिया प्रालि और शेलिंग फॉस्क ग्लोबल डिजिटल टेक्नोलॉजी शामिल रहीं। इनमें से सबसे कम दर तुर्की की कम्पनी ने 186 करोड़ 52 लाख रुपए की राशि टेंडर में दी है और उसके बाद दूसरे स्थान पर एनईसी कॉर्पोरेशन इंडिया लि. ने 204.57 करोड़ का प्रस्ताव सौंपा। लिहाजा कम दरों का टेंडर चूंकि तुर्की की कम्पनी का है, लिहाजा उसे हासिल हुआ है। यह कम्पनी इंदौर-भोपाल मेट्रो के पहले चरण में फेयर कलेक्शन, यानी यात्रियों से किराया लेने की पूरी प्रणाली का संचालन करेगी, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। यह भी उल्लेखनीय है कि अभी इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट में रोबोट चौराहा से बंगाली, पलासिया होते हुए एमजी रोड तक एलिवेटेड कॉरिडोर का काम भी जल्द शुरू होना है, जिसके लिए पिछले ही दिनों 543 करोड़ रुपए का टेंडर आरवीएनएल के साथ यूआरसी कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने हासिल किया है, जो साढ़े 5 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर तैयार करेगी, तो दूसरी तरफ अंडरग्राउंड कॉरिडोर के टेंडर भी फिर से बुलाए गए हैं।

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