अंकारा (Ankara)। तुर्किए (Turkey) के निर्वाचन प्रमुख अहमत एनेर (election chief Ahmet Ener) ने कहा है कि राष्ट्रपति पद की दौड़ 28 मई को दूसरे दौर में जाएगी क्योंकि मौजूदा राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन (Current President Recep Tayyip Erdoğan) को स्पष्ट जीत नहीं मिल पाई है।
सुप्रीम इलेक्टोरल बोर्ड के प्रमुख एनेर ने सोमवार को कहा कि जब विदेशों से आए शेष 35,874 वोट गिने गए, तब भी किसी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए जरूरी बहुमत नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक परिणामों से पता चलता है कि एर्दाेआन ने 49.51 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी केमल किलिकडारोग्लू ने 44.88 प्रतिशत और तीसरे उम्मीदवार सिनान ओगन ने 5.17 प्रतिशत वोट हासिल हुए। एनर ने कहा कि अगर शेष सभी वोट एर्दोआन को ही मिलते तब भी उनका वोट बढ़कर 49.54 प्रतिशत ही होता।
तुर्किए में राष्ट्रपति चुनाव सोमवार को दूसरे दौरे में बढ़ता प्रतीत हुआ क्योंकि राष्ट्रपति एर्दाेआन अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी से आगे तो निकल गए लेकिन स्पष्ट जीत हासिल नहीं कर पाए हैं। देश में हो रहे चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर है कि रणनीतिक रूप से स्थित यह नाटो देश राष्ट्रपति की मजबूत पकड़ में रहता है या यह उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी किमल किलिकडारोग्लू द्वारा परिकल्पित अधिक लोकतांत्रिक रास्ते पर आगे बढ़ता है।
देश पर एर्दोआन ने 20 वर्षों तक शासन किया है। सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई है कि आर्थिक उथल-पुथल, महंगाई, फरवरी में आए भूकंप के बाद सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना के बीच उनका कार्यकाल समाप्त हो सकता है। देश में आए भूकंप में 50,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
एनेर ने पत्रकारों को बताया कि 99.4 प्रतिशत घरेलू मतों और 84 प्रतिशत विदेशी मतों की गिनती के साथ, एर्दोआन को 49.4 प्रतिशत मत मिले हैं, जबकि किलिकडारोग्लू को 45 प्रतिशत मत मिले हैं। वहीं तीसरे उम्मीदवार, राष्ट्रवादी नेता सिनान ओगन को 5.2 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं।
वर्ष 2018 में हुए पिछले राष्ट्रपति चुनाव में एर्दोआन ने पहले दौर में 52.6 फीसदी वोट हासिल कर स्पष्ट जीत हासिल की थी।
तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दाेआन ने सोमवार सुबह कहा कि वह देश का राष्ट्रपति चुनाव अब भी जीत सकते हैं लेकिन अगर चुनाव 28 मई को दूसरे दौर में जाता है तो वह देश के फैसले का सम्मान करेंगे। दूसरे दौर का चुनाव में उनके पक्ष में जा सकता है क्योंकि उनके गठबंधन के संसद में बहुमत बरकरार रखने की संभावना है।
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