नई दिल्ली: भूकंप से बर्बादी झेलने वाले तुर्किए (Turkiye) को शायद भारत की ओर से पहुंचाई गई मदद रास नहीं आई. इस पश्चिमी एशियाई देश में 6 फरवरी को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें हजारों जिंदगियां खत्म हो गई थीं. लाखों लोग बेघर हो गए थे.
संकट की घड़ी में भारत ने मानवता के नाते तत्काल ‘ऑपरेशन दोस्त’ के जरिए बचाव दल और राहत सामग्री भिजवाई. मगर उसके बाद हुआ यह कि तुर्किए (Turkiye) ने यूएन (UN) में मंच पर भारत के खिलाफ ही मुंह खोल दिया. इसकी वजह पाकिस्तान द्वारा हर मंच पर “तुर्किए का गुणगान” और तुर्किए की “इस्लामिक आका” बनने की होड़ मानी जा रही है.
कश्मीर के मुद्दे पर अलापा पाकिस्तानी राग
तुर्किए के प्रतिनिधि ने यूएन की संस्था ‘यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल’ (UNHRC) के हेडक्वार्टर में पाकिस्तान की हां में हां मिलाई है. यहां पर पाकिस्तान ने कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगला. उसने कहा कि भारत कश्मीरियों पर जुल्म कर रहा है और दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए. पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने इसी तरह की कई और भी बातें कहीं, जिनमें भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए. भारत ने उनके आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पाकिस्तान को फटकारा.
इस बीच जब तुर्किए के प्रतिनिधि के बोलने की बारी आई तो उसने अपने यहां मची भूकंप की बर्बादी के जिक्र से हटकर ‘कश्मीर’ में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई. उसने इशारों में भारत पर निशाना साधा, जिससे पाकिस्तान को UNHRC में उसका साथ मिला. तुर्किए के उप विदेश मंत्री मेहमत केमल बोजे ने कहा, “तुर्किए जम्मू-कश्मीर मसले का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है.” साथ उन्होंने कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने का भी जिक्र किया.
रेसेप तैय्यप अर्दोगन पहले भी भारत के खिलाफ बोल चुके
बता दें कि तुर्किए इस्लामिक बहुल मुल्क है और वह अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ‘इस्लामिक वर्ल्ड’ के नारे लगाता है. वहीं, पाकिस्तान द्वारा हर मंच पर “तुर्किए का गुणगान” किया जाता रहा है. तुर्किए खुद को इस्लामिक देशों के संगठन OIC का “आका” साबित करने में लगा है, ये चीज पाकिस्तान के एकदम अनुकूल है. इसलिए तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdoğan) खुलेआम भारतीय राज्य कश्मीर का मुद्दा उठा चुके हैं और ये सब उन्होंने पाकिस्तान के लिए किया.
पाकिस्तानी नेतृत्व तुर्किए को अपना भाई कहता है. तुर्किए की हाल ही की हरकत के बारे में ग्लोबल एक्सपर्ट्स का कहना है कि शायद अर्दोगन को भारत की मदद रास नहीं आई, जबकि भारत ने मानवता के नाते तुर्किए के भूकंप प्रभावित इलाकों में व्यापक मदद पहुंचाई थी. भारत ने बिना किसी हिचक के तुर्किए को तबाही से उबारने के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ लॉन्च कर दिया था. ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत भारत से सैकड़ों बचावकर्मियों का दल खाना, कपड़े और अन्य साजो-सामान लेकर तुर्किए पहुंचा था. जहां आपदाग्रस्त इलाकों में बहुत-से लोगों को बचाया गया.
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