ट्यूनिश (Tunis) । ट्यूनीशिया (Tunisia) ने अगले छह महीनों के लिए पीने के पानी (drinking water) पर कोटा सिस्टम लगा दिया है. यानी पीने के लिए पानी नाप-नाप कर मिलेगा. इतना ही नहीं खेती-बाड़ी (Agriculture) के लिए पानी के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध (ban) लगा दिया गया है. यह सख्त नियम इस साल 30 सितंबर तक लागू रहेगा.
ट्यूनीशिया के कृषि मंत्रालय के अधिकारी हमादी हबीब ने कहा कि उनका देश पिछले कई महीनों से भयानक सूखे से जूझ रहा है. उसके बांधों में पानी की क्षमता 100 करोड़ क्यूबिक मीटर है. जो घटकर सिर्फ 30 फीसदी ही बची है. पिछले साल सितंबर से लेकर इस साल मार्च के मध्य तक ट्यूनीशिया में बारिश की भयानक कमी रही.
कृषि मंत्रालय ने इस हालात को देखते हुए फैसला लिया कि अगले छह महीनों तक पीने के पानी की राशनिंग होगी. कोई अपनी कार नहीं धुलेगा. पेड़-पौधों पर पानी नहीं डालेगा. न गलियों की सफाई पानी से करेगा. न ही किसी सार्वजनिक स्थान की सफाई के लिए पानी का इस्तेमाल होगा. किसी ने नियम तोड़ा तो उसे जुर्माना, जेल या दोनों हो सकता है.
Tunisia on Friday introduced a quota system for potable water and banned its use in agriculture until Sept. 30 in response to a severe drought that has hit the country, the agriculture ministry said. https://t.co/wwryjNKiWE
— Reuters Science News (@ReutersScience) March 31, 2023
ज्यादा इस्तेमाल किया पानी तो 6 महीने की जेल
ट्यूनीशिया के जल कानून के तहत नियम तोड़ने वाले को छह दिन से लेकर छह महीने तक की जेल हो सकती है. ट्यूनीशिया के लोगों को कहना है कि उनकी सरकार पिछले दो हफ्तों से रात में पानी सप्लाई में कटौती कर रही है. राजधानी और कई अन्य शहरों में पानी की राशनिंग शुरू हो चुकी है. जिसकी वजह से पूरे देश में गुस्सा फैल रहा है.
सरकार के फैसले से बढ़ रही है महंगाई
सरकार के इस फैसले से पूरे देश में सामाजिक तौर पर तनाव फैल रहा है. सबसे बुरी हालत गरीब लोगों की हो रही है. पानी के लेकर किए गए फैसले की वजह से महंगाई तेजी से बढ़ रही है. देश के उत्तर में मौजूद सिदी सलेम डैम, जो बड़े इलाके को पानी देता है, उसमें अब सिर्फ 16 फीसदी पानी बचा है. जबकि सामान्य दिनों में अधिकतम 58 करोड़ क्यूबिक मीटर पानी रहता है.
किसान यूनियन के अधिकारी मोहम्मद रजाईबिया ने बताया कि पानी की कमी की वजह से ट्यूनीशिया की फसल पैदावार में भयानक गिरावट आई है. पिछले साल वहां पर 7.50 लाख टन फसल हुई. जो इस साल घटकर 2.0 से 2.50 लाख टन हो गई है.
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