इंदौर। नेताओं का प्रसिद्ध संवाद है राजनीति सेवा का माध्यम है, लेकिन इसी सेवा की आढ़ में मेवा खाने की पुरानी परंपरा रही है। राजनीति में कई ऐसे उदाहरण है जिन्हें दो वक्त की रोटी तक नसीब नहीं होती थी लेकिन कुछ ही सालों में वो करोड़ों के आसामी बन गए।
इन दिनों एमपी समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों का डंका बजा हुआ है, और नामांकन का दौर जारी है इन नामांकनों में एक नामाकन इंदौर की सांवेर सीट से दाखिल हुआ और इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। ये नामांकन सिंधिया के खास सिपहसालाल तुलसी सिलावट का था। सिलावट की राजनीतिक पारी करीब तीन दशक पुरानी है। फर्श से लेकर अर्श तक जाने वाले सिलावट कमलनाथ सरकार गिराने में प्रमुख नाम थे। भोपाल से लेकर बैंगलोर तक सिंधिया की प्लानिंग को मूर्त रुप देने वाले सिलावट आज की तारीख में करोड़पति हैं। इनका भी इतिहास कुछ वैसा ही है जैसा हमने शुरुआत में लिखा था- ‘सेवा के बदले मेवा’ वाला।
आइए आपको बताते हैं आखिर ऐसा क्यों हैं-
सांवेर विधानसभा से मंत्री तुलसीराम सिलावट बीजेपी के उम्मीदवार है कभी कांग्रेसी रहे सिलावट ‘महाराज बीजेपी’ का एक मजबूत चेहरा हैं। सिलावट के नामांकन में सामने आई संपत्ति में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसमें एक बैंक खाते में साल 2018 के चुनाव के दौरान मात्र 7440 रुपए जमा थे, उसमें अभी जमा राशि 91 लाख 91 हजार है, जी हां 1235 गुना अधिक। चल संपत्ति पांच साल में 14 गुना बढ गई है। सिलावट पहली बार पांच साल तक मंत्री रहे हैं, पहले 15 माह कांग्रेस के समय और फिर बीजेपी के शासनकाल में। सिलावट दंपती की 2018 में चल-अचल कुल संपत्ति 7.65 करोड़ थी, वह नवंबर 2020 में 8.62 करोड़ हो गई और अब अक्टूबर 2023 में 13.35 करोड़ रुपए कुल हो गई है।
उपचुनाव के बाद तो तेजी से बढ़ी संपत्ति
केवल एक केस है दर्ज
कमाई का जरिया मंत्री सिलावट ने संपत्तियों के किराए से और मंत्री के रूप में मिल रहे वेतन को बताया है। वहीं पत्नी पूर्व सरकारी कर्मचारी रही है। उनकी आय पेंशन व किराए से होती है। सिलावट की वार्षिक कमाई 8.63 लाख रुपए है जो नवंबर 2020 की तुलना में कम हुई है पहली कमाई 11 लाख से ज्यादा थी। वहीं पत्नी की सालाना कमाई 5.33 लाख रुपए आयकर रिटर्न के हिसाब से बताई गई है। उनके पास एक पुरानी कार है, वह हथियार नहीं रखते हैं। कोई गंभीर अपराध नहीं, प्रतिबंधात्मक धारा वाले 188 के प्रकरण ही मात्र था जो खत्म हो चुके।
विरोधी लगाते रहे गंभीर आरोप
सिलावट पर 35 करोड़ रुपए लेकर कांग्रेस सरकार गिराने के आरोप अक्सर खुले मंचों से कांग्रेस के कई नेता लगाते रहे हैं। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी तो उन्हें ‘मिलावट’ खहकर संबोधित करते रहे हैं। कोविड के समय दवाइयों के अवैध व्यापार के भी कई संगीन आरोप उन पर लगा गए। लेकिन किसी भी तरह का कोई आरोप आज तारीख तक साबित नहीं हो सका है। सिलावट के बेटे पर भी विरोधी निशाना साधने से पीछे नहीं हटते लेकिन राजनीति के पुराने खिलाड़ी रहे सिलावट कभी इन चीजों से विचलित नहीं हुए। इस बार उनका सामने सांवेर से कांग्रेस ने एक महिला उम्मीदवार रीना बौरासी को उतारा है। रीना प्रेमचंद गुड्डू की बेटी होने के नाते एक राजनीतिक परिवार से तो संबंध रखती है लेकिन ये उनका खुद का पहली चुनाव है। तो वहीं तुलसी कई चुनावों में हार-जीत का खेल खेल चुके हैं। देखना बड़ा दिलचस्प होगी कि इस बार सांवेर में किसके सिर पर ताज सजेगा और किसे जनता विपक्ष की जिम्मेदारी सौंपेगी।
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