इंदौर (Indore)। विधानसभा चुनाव के चलते मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों 31 दिसम्बर 2022 तक की अवैध कॉलोनियों को भी वैध करने की घोषणा कर दी, जिसके चलते निगमायुक्त ने अब 10 जून तक सभी भवन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस समय तक की बनी अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार करें। हालांकि कॉलोनी सेल के पास 2016 से पहले काबिज 536 अवैध कॉलोनियों की सूची मौजूद है। संभव है कि 100 और नई अवैध कॉलोनियां इसमें जुड़ जाएंगी, वहीं पिछले दिनों निगम ने 20 अवैध कॉलोनियों के ले-आउट तैयार कर दावे-आपत्तियां आमंत्रित की थी, जिनमें से 19 कॉलोनियों में तो कोई आपत्ति नहीं मिली, मगर सिर्फ एक विवादित और चर्चित तुलसी नगर में वहीं के रहवासियों ने लगभग 200 आपत्तियां प्रस्तुत की हैं। ये आपत्तियां ग्रीनबेल्ट, नाले, सडक़ पर बिके अवैध भूखंडों और मकानों को लेकर है। हालांकि निगम का कहना है कि इन सर्वे नंबरों को पहले से ही अलग कर रखा है, जिन्हें नियमितीकरण की प्रक्रिया में नहीं लिया जा सकता।
पहली खेप में नगर निगम ने 100 अवैध कॉलोनियों को वैध किया है, जिसकी घोषणा अभी मुख्यमंत्री द्वारा पिछले दिनों वर्चुअली कार्यक्रम के दौरान की गई, जिसमें प्रदेशभर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने का श्री गणेश किया गया। उसी के साथ मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा कर दी की अब 31 दिसम्बर 2016 की बजाय 2022 तक की कॉलोनियों को वैध किया जाना है, जिसके चलते नगर निगम अब इन नई बसी अवैध कॉलोनियों का भी सर्वेक्षण करवा रहा है। हालांकि मजे की बात यह है कि पहले शासन के ही निर्देश थे कि 2016 के बाद काबिज हुई अवैध कॉलोनियों को जमींदोज करना है और संबंधित कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाएं। लिहाजा नगर निगम ने ही लगभग आधा दर्जन से अधिक ऐसी अवैध नई बसी कॉलोनियों पर बुलडोजर चलवाए थे, मगर उनके साथ अन्य अवैध कॉलोनियों को वैध की प्रक्रिया में लेना पड़ेगा।
निगम रिकॉर्ड में पहले 636 अवैध कॉलोनियां थी, जिनमें से पिछले दिनों 100 कॉलोनियों को वैध किया गया, लिहाजा अब 536 पुरानी अवैध कॉलोनियां बची है। हालांकि इनमें से अधिकांश वैध की भी नहीं जा सकती है। वहीं निगम के मुताबिक लगभग 100 और कॉलोनियां इस नए सर्वे में सामने आ सकती है। निगमायुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह ने बताया कि प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय के नए निर्देश प्राप्त हुए हैं, जिनमें मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के मद्देनजर 31.12.2022 तक की अवैध कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन अनुज्ञा प्रदान की जाना है। लिहाजा सभी भवन अधिकारियों और निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे 10 जून तक निर्धारित प्रारुप मे ऐसी अवैध कॉलोनियों का सर्वेक्षण कर जानकारी तैयार कर कॉलोनी सेल को उपलब्ध कराएं, ताकि राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के तहत शीघ्र कार्रवाई शुरू की जा सके। दूसरी तरफ नगर निगम ने 20 अवैध कॉलोनियों के ले-आउट भी प्रकाशित कर दावे-आपत्तियां बुलवाई थी, जिनमें श्री हरि सोसायटी, बद्री पटेल की चाल, अभिनंदन नगर, बृजनयनी, गणेश नगर, हरिओम कालोनी, अवंतिका नगर, बजरंगपुरा, आदर्श गणपति नगर, गायत्री नगर और सप्तश्रंृगी के एक हिस्से के अलावा पिपल्याकुमार की जमीनों पर बसी चर्चित और विवादित तुलसी नगर सहित अन्य कॉलोनियां शामिल रही।
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