सीहोर। गंगा दशहरा के अवसर पर ग्राम अल्हादाखेड़ी में संत कटारे बाबा के मार्गदर्शन में पूर्ण विधि-विधान से तुलसी विवाह के पश्चात 28 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया। गांव के वर-वधु एवं उनके परिजन मंदिर में एकत्रित होने लगे थे। परिजन आपस में मिलते रहे। दुल्हनों का श्रंगार होता रहा। वहीं दूल्हे भी अपने रिश्तेदारों व दोस्तों से घिरे रहे। विवाह स्थल पर पूजन सामग्री के अलावा अन्य उपहार भेंट किए गए, विवाह की रस्म हुई। इस दौरान परिजनों की काफी भीड़ रही। सभी में विवाह को लेकर उत्साह था। इस मौके पर ग्रामीणों ने बड़ी सं या में तुलसी विवाह के पश्चात सामूहिक रूप से विवाह कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
संतश्री कटारे बाबा ने कहा कि सामूहिक विवाह सिर्फ एक विवाह का आयोजन भर नहीं है, अपितु इसके प्रभाव और समाज हित में लाभ बड़े दूरगामी हैं। किसी कमजोर, जरूरतमंद या असहाय परिवार की कन्या का विवाह कराने से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है। इतिहास गवाह है कि गंगा की स्मृति छाया में सिर्फ लहलहाते खेत या माल से लदे जहाज ही नहीं, बल्कि वाल्मीकि का काव्य, बुद्ध-महावीर के विहार, अशोक, हर्ष जैसे सम्राटों का पराक्रम तथा तुलसी, कबीर और नानक की गुरुवाणी। इस अद्वितीय महत्ता के कारण ही भारत का समाज युगों-युगों से एक अद्वितीय तीर्थ के रूप में गंगा का गुणगान करता आया है। इस मौके पर वर-वधु को यहां पर मौजूद संत और विप्रजनों ने आशीर्वाद दिया।
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